Sankashti Chaturthi: वैसे तो जीवन में बाधाएं का आना जीवन का दूसरा प रूप हैं, लेकिन जब इन बाधाओं के कारण सफलता मिलना तो दूर बल्कि कोई काम बनता भी नहीं बनता है, तो ऐसी बाधाओं से निजात पाने के लिए आगमी 11 मार्च को आप गणपति जी का पूजन करना न भूलें, गणेश जी आपके जीवन के सारे विघ्न हर लगेंगे, आपके जीवन में तरक्की और सफलताओं का संचार होगा।
संकष्टी चतुर्थी-
11 मार्च 2023 को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है जिसे संकष्टी गणेश चतुर्थी भी कहा जाता हैं, यदि गणेश चतुर्थी के दिन सभी विधि-विधान से श्री गणेश का पूजन किया जाए तो पूजा करने वाले की प्रार्थना कभी भी व्यर्थ नहीं होती। विघ्नहर्ता निश्चित रूप से अपने भक्तों के जीवन से कष्टों को दूर कर उन्हें सुख, समृद्धि और संपन्नता प्रदान करते हैं। इसी कारण से उन्हें विघ्नहर्ता, संतापहर्ता, मंगलमूर्ति,गजानन आदि नामों से जाना जाता हैं, जिस तरह वेदों शास्त्रों में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों को एक ही पारब्रह्म के तीन स्वरूप बताया गया है उसी तरह से गजानन को ब्रह्मा का ही विग्रह बताया गया हैं। भारतीय धर्मशास्त्रों में गजानन, गणपति, विनायक, गणेश, एक दंत, दयावंत, चार भुजाधारी आदि अनेकों नाम श्री गणेश को दिए गए हैं।
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पूजन विधि-
गजानन के नाम अनेक हैं, लेकिन इन की पूजा अर्चना करने की विधि बेहद सरल-स्पष्ट है ऋग्वेद के अनुसार गजानन बुद्धि श्रेष्ठ हैं, उनकी पूजा के बिना बिना कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सकता है।गजानन के पूजन में दो बातों का अवश्य ही ध्यान रखना चाहिए, पहली बात उन्हें दूब घास बहुत प्रिय है इसलिए पूजा में दूबा जरूर अर्पित करें, इससे वह बहुत ही जल्द प्रसन्न होते हैं। दूसरी बात उन्हें कभी भी गजानन को तुलसी दल अपर्ति ना करें, ऐसा करना गजानन रूष्ठ हो सकते हैं।
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