वंदे-भारत भारत की ड्रीम ट्रेन है। शुरुआत में इसकी स्पीड 160 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे बताई गई थी, लेकिन ये कई रुटों पर चला तो दी गई है लेकिन इसे वो स्पीड़ नहीं मिल पाई है जिसकी ये हकदार है। जैसे दिल्ली-देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस की एवरेज स्पीड़ 64 किलोमीटर प्रति घंटा निकल कर आ रही है, जो इस प्रीमयम ट्रेन के हिसाब से काफी कम स्पीड़ है। रेलवे वंदे भारत चलाने के अपने टारगेट को पूरा करने में तो लगी है लेकिन इसके लिए वो जरुरी सुधार अभी नहीं कर पा रही है, जिससे यात्रा के समय में कमी आए।
ट्रेन के कोचों की संख्या में भी की जा रही कटौती-
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट के मुताबिक भारतीय रेलवे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का टारगेट दिया था। इस टारगेट को पूरा करने के लिए रेलवे तेज़ी से काम कर रहा है और अभी तक 17 वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई है। लेकिन अब टारगेट को पूरा करने की तारिख नज़दीक आ रही है और रेलवे के लिए इसे पूरा करना मुश्किल हो रहा है। इन ट्रेनों को कुल 16 कोचों के साथ बनाया जाना था, लेकिन टारगेट को पूरा करने में हो रही देरी के कारण कोचों की संख्या को आधा यानि 8 कर दिया गया है।
ट्रेनों की स्पीड में समझौता-
कोचों के साथ ट्रेनों की स्पीड में भी समझौता किया गया है, इन ट्रेनों की स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिघंटे तय की गई थी। लेकिन ऐसी बहुत सी ट्रेनें हैं जिनकी एवरेज स्पीड 64 किलोमीटर प्रतिघंटा है, जिनमें से एक ट्रेन का उद्घाटन गुरुवार यानी आज देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।
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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव-
पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, कि हम तय की गई तारीख तक टारगेट को पूरा करने के लिए काम की रफ्तार को बढ़ाएंगे, जिसके चलते हम हर तीन दिन में एक ट्रेन को चलाने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही शताब्दी और राजधानी जैसी सुपरफास्ट ट्रेनों को 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाने की इजाज़त है। बुधवार को रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा की पटरियों पर रफ्तार के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया पर DRM (Divisional Railway Manager) और GM काम कर रहे हैं।
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