भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष को पड़ने वाले एकादशी पद्मा एकादशी होती हैं हालांकि, महीने में दो बार एकादशी आती हैं। इस तरह एक साल में 24 एकादशी होती है। किंतु हर एकादशी का एक अपना महत्व होता है एकादशी के दिन पूजा करने से अद्भुत फल प्राप्त होता है। इस बार पद्मा एकादशी 25 सितंबर यानी मंगलवार के दिन होगी।
ऐसा माना जाता है, कि महाभारत युद्ध के बाद एक दिन धर्मराज युधिष्ठिर अपने भाइयों के साथ बैठे हुए थे, तभी उनके पूछने पर भगवान श्री कृष्णा ने इस व्रत के बारे में बताते हुए, कहा कि पापियों के पापों का नाश करने के लिए इससे बढ़कर कोई व्रत नहीं है। इसके साथी जो लोग मोक्ष ही कामना करते हैं, उन्हें एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। एकादशी के दिन यज्ञ, व्रत या पूजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और तीनों लोगों की पूजा का फल प्राप्त होता है।
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एकादशी के दिन पूजा की विधि-
भाद्रपद शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद पूजा स्थल को साफ करना चाहिए। जिसके बाद फर्श पर एक लकड़ी की चौकी पर पीले वस्त्र का कपड़ा बेचकर भगवान श्री विष्णु की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। जिसके बाद मूर्ति का पुष्प माला आदि अर्पित करने चाहिए। दिनभर उपवास रखते हुए रात्रि के समय भगवान का भजन वह ध्यान करें, फिर दूसरे दिन पूजा कर ब्राह्मणों को दान देकर भोजन कराएं। जिसके बाद आप स्वयं अपना व्रत खोल सकते हैं और भोजन कर सकते हैं।
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