जनसंख्या की दृष्टी हो या 80 लोकसभा और 404 विधानसभा सीटों के साथ उत्तरप्रदेश (यूपी) देश का सबसे बड़ा राज्य है। राम मंदिर वाले इसी उत्तरप्रदेश में धर्म की राजनीति करने वाली पार्टी बीजेपी की 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ी हार हुई है। इसी प्रदेश में बीजेपी की गुजरात लॉबी (मोदी एंव अमित शाह की जोड़ी) के लिए दो बड़ी चुनौती है, एक चुनौती है उनके खुद के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दूसरी चुनौती है राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जोड़ी।
मुख्यमंत्री योगी से गुजरात लॉबी को क्या खतरा-
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वो चहेरे हैं जो बीजेपी में इस वक्त मोदी के बाद पीएम पद के लिए पहली पसंद हैं। लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व में मोदी के बाद गुजरात लॉबी के ही अमित शाह दूसरे नंबर पर आते हैं। ऐसे में योगी को रोकना बहुत जरुरी है। अगर 2027 में यूपी में फिर से योगी आदित्यनाथ की मुख्यमंत्री के रुप में वापसी हो जाती है तो फिर वो इतने बड़े सूबे के तीन बार के मुख्यमंत्री होगें, उनका कद गुजरात के तीन बार के मुख्यमंत्री रहे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी काफी बड़ा होगा क्योंकि यूपी में जहां विधानसभा की 403 सीटें हैं गुजरात उसकी अपेक्षाकृत छोटा राज्य है और उसमें कुल सीट 182 सीट ही हैं।
राज्य के तीन हिस्से करना और योगी को हटाना-
मोदी के बाद नंबर दो शाह को अगले पीएम की गद्दी पर बैठाने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रास्ते से हटाना बेहद जरुरी है। अगर योगी तीसरी बार यूपी के सीएम रिपीट होतें हैं तो गुजरात लॉबी के लिए उन्हें अगले पीएम पद की रेस से निकाल पाना बेहद मुश्किल होगा क्योंकि योगी हिंदुत्व का चहेरा होने के साथ-साथ आरएसएस की भी पहली पसंद है, आरएसएस के हालिया तेवर भी अब बता रहे हैं कि वो अब गुजरात लॉबी को ज्यादा इंटरफेयर अपने संगठन में और बीजेपी में नहीं चाहते हैं। ऐसे में अगर राज्य के तीन हिस्से कर दिए जाएं तो योगी का कद भी छोटा हो जाएगा और तीन छोटे-छोटे राज्यों में विधानसभा जीतना भी मोदी गुट के लिए आसान हो जाएगा और दिल्ली से तीन डम्मी सीएम तीन छोटे-छोटे राज्यों में अवतरित कर दिए जाएंगे जैसा हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के साथ किया गया है।
ऐसे में इस प्लान के साथ गुजरात लॉबी का राह का कांटा योगी आदित्यनाथ के रुप में निकल सकता है। क्योंकि योगी अपने आप में इतना बड़ा कद हैं कि वो तीन हिस्से हो जाने के बाद किसी छोटे प्रदेश के सीएम नहीं बनना नहीं चाहेंगे। ऐसे में केंद्र में भी उन्हें नजरअंदाज किया जा सकता है और वो यूपी जैसे सूबे के तीन बार के सीएम बनने से भी वंछित हो जाएंगे और इससे गुजरात लॉबी की राह आसान हो जाएगी।
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अखिलेश और राहुल की जोड़ी को मात देना-
इंडिया गठबंधन ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जोड़ी के रुप में लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश राज्य के भीतर अच्छा प्रदर्शन किया है। समाजवादी पार्टी ने 37 और कांग्रेस ने सूबे में 6 सीटों पर जीत हासिल की है। दोनों के गठबंधन को मिलाकर इन सीटों की संख्या 43 हो जाती हैं। जबकि बीजेपी ने अपने दम पर यूपी में समाजवादी पार्टी से 4 कम 33 सीटों पर ही जीत हासिल की है। इसमें अगर बीजेपी के एनडीए गठबंधन के तहत राष्ट्रीय लोकदल की दो सीटें और अपना दल की एक सीट भी मिला दी जाए तो भी ये संख्या समाजवादी पार्टी की कुल सीटें 37 को पार नहीं कर पाती हैं ये 36 ही रह जाती है। कुल मिलाकर यूपी में लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने एनडीए गठबंधन को 7 सीटों से मात दी है।
ऐसे में यूपी 2027 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव और 2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव में यूपी के जरिए इंडिया गठबंधन बीजेपी के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। इसे टालने के लिए अगर यूपी को तीन टुकड़ों में बांट दिया जाए तो बीजेपी के लिए यूपी का गणित आसान हो सकता है। क्योंकि बीजेपी को छोटे राज्य जैसे उड़ीसा, उत्तराखंड और हिमाचल में अपना दबदबा कायम करने में काफी आसानी रही है। जबकि उत्तरप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में बीजेपी को जीत के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी है। बीजेपी के आईटी सेल द्वारा अब यूपी के तीन हिस्सों में बांटने की योजना को सही भी ठहराया जाने लगा है।
उत्तरप्रदेश को तीन राज्यों में बांटने की क्या है योजना-
विश्वसनिय सूत्रों के अनुसार बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व उत्तरप्रदेश को तीन राज्यों में बांटने की पूरी योजना बना चुका है। वो इस प्रस्ताव को लोकसभा के पहले सत्र में पेश कर सकती है। इस पर बीजेपी को आरएलडी और अपना दल जैसी क्षेत्रियों पार्टियों का भी साथ मिल सकता है। क्योंकि आरएलडी का पश्चिमी उत्तरप्रदेश को हरित प्रदेश बनाने का सपना लंबे समय से रहा है, ऐसे में बीजेपी का ये फैसला इस पार्टी को संजीवनी मिलने जैसा होगा। तीन प्रस्तावित हिस्से जो हो सकते हैं वो है पश्चिम का हरित प्रदेश, पूर्व का पूर्वांचल और मध्यप्रदेश की तरफ वाली यूपी का बुंदेलखण्ड।
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