जूली चौरसिया
Virender Sehwag: क्या आपको वह समय याद है, जब जब मोबाइल इंटरनेट नाम की चीज नहीं होती थी? जब क्रिकेट के मैच रेडियो पर सुने जाते थे और BSNL के चौका कनेक्टिंग इंडिया की टैगलाइन पूरे देश को एक साथ जोड़ दिया करता थी। उस दौर में एक नाम था, जो हर घर हर दिल में बसा हुआ था और वह नाम है वीरेंद्र सहवाग!
सहवाग का जादू(Virender Sehwag)-

90 के दशक में हर माता-पिता अपने बच्चे को सचिन की जगह सहवाग बनने की प्रेरणा देते थे। उनका क्रिकेट खेलने का अंदाज इतना अलग था, कि लोग उन्हें देखकर दीवाने हो जाते थे। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को T20 की तरह खेलने का ट्रेंड शुरू किया, जो पूरी दुनिया के लिए एक क्रांति थी।
हमेशा रहेंगे याद(Virender Sehwag)-
सहवाग के शानदार प्रदर्शन के कुछ पल आज भी लोगों के मन में बसे हुए हैं, जिसमें एक दिन वह है, जिस दिन उन्होंने में 284 रन बनाकर उन्होंने इतिहास रच दिया था, वहीं डॉन ब्रैडमैन के बाद सबसे तेज बल्लेबाज माने गए। इसके साथ ही उन्होंने पहली गेंद पर चौका मारने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।
मुल्तान का सुल्तान(Virender Sehwag)-

जब पूरी दुनिया पाकिस्तानी बॉलर्स से डरती थी, सहवाग ने वहां जाकर उनकी धुनाई की। उनका आत्मविश्वास इतना अद्भुत था, कि वह विपक्षी कप्तान को सीधे चुनौती दे सकते थे। जब वह कहते थे, “इस फील्डर को हटा दो, मैं छक्का मारने वाला हूं”, फिर वह उसी गेंद पर छक्का जड़ देते थे।
बल्लेबाजी का अनोखा अंदाज-
सहवाग के लिए क्रिकेट एक कला थी। वह सिर्फ गेंद नहीं, बल्कि बाउंड्री देखते थे। उनकी बल्लेबाजी में इतनी आक्रामकता थी, कि लोग सोचते थे, अगर सहवाग 50 ओवर तक खेलें तो स्कोर 400 या 500 तक जा सकता है। उस समय 250 रन तक का स्कोर ही सुरक्षित माना जाता था।

Personal Life में आया Shock-
हाल ही में उनके तलाक की खबर ने पूरे देश को हिला दिया। एक ऐसे हीरो की व्यक्तिगत त्रासदी (Personal Tragedy) जिसने पूरे भारत को क्रिकेट के प्रति जोश दिया, आज खुद एक मुश्किल समय से गुजर रहा है। हालांकि अभी सहवाग और उनकी पत्नी आरती दोनों में से किसी ने भी तलाक की खबर की कोई पुष्टि नहीं की है।
रिश्तों को बचाने का संदेश-
हमारा संदेश है, कि हर रिश्ता एक क्रिकेट मैच की तरह नहीं होता, इसमें धैर्य रखें, बातचीत करें, समझौता करें, पंचायत करें और प्यार को जीवित रखें।
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लोगों की भावनाएं-
करोड़ों फैंस इस समय एक ही सवाल पूछ रहे हैं, कि क्या हमारा हीरो इतनी आसानी से हार मान लेगा? क्या वो जैसे मैदान में विपक्षी को चुनौती देते थे, वैसे ही अपने रिश्ते के लिए भी लड़ेंगे?
यह सारी बातें हमें सोचने पर मजबूर करती हैं, कि हमारा समाज कहां जा रहा है, जब एक महान खिलाड़ी की personal life इतनी चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
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