Mumbai-Ahmedabad Bullet Train: मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर जापानी शिंकानसेन बुलेट ट्रेनों की खरीद में अत्यधिक देरी के बीच, रेल मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंत्रालय ने इस रूट पर वंदे भारत ट्रेनों को चलाने के लिए सिग्नलिंग सिस्टम के लिए टेंडर इनवाइट किए हैं। ये ट्रेनें 280 किमी प्रति घंटे की अधिकतम डिजाइन स्पीड से चल सकेंगी।
परियोजना में देरी का असर(Mumbai-Ahmedabad Bullet Train)-
सितंबर 2017 में जिस प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ था, उसमें शिंकानसेन ट्रेनों का संचालन अब 2033 तक टल सकता है। पहले दावा किया गया था, कि सूरत-बिलीमोरा सेक्शन पर अगस्त 2026 तक बुलेट ट्रेनें दौड़ने लगेंगी, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। सूत्रों के मुताबिक, जापानी बुलेट ट्रेनें 2030 से पहले भारत में नजर नहीं आएंगी।
वंदे भारत बनी अंतरिम समाधान(Mumbai-Ahmedabad Bullet Train)-
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (NHSRCL) ने पिछले हफ्ते वंदे भारत ट्रेनों के लिए सिग्नलिंग सिस्टम का टेंडर जारी किया। इसमें यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ETCS) लेवल-2 का इस्तेमाल किया जाएगा, जो जापानी DS-ATC सिग्नलिंग से अलग है। सफल बोलीदाता को सात साल तक इस सिस्टम के डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति, स्थापना और रखरखाव की जिम्मेदारी मिलेगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग-
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “जापानी ट्रेनों के इंतजार में इतने बड़े प्रोजेक्ट को बेकार नहीं पड़ा रहने दिया जा सकता। वंदे भारत ट्रेनों के संचालन के दौरान भी जापानी सिग्नलिंग सिस्टम की स्थापना की जा सकती है। E-10 सीरीज की ट्रेनों (बुलेट ट्रेन का एडवांस वर्जन) की टाइमलाइन 2030 या उसके बाद तय की जा सकती है।”
शिंकानसेन ट्रेनें-
जब शिंकानसेन ट्रेनें पूरी तरह से चालू हो जाएंगी, तब वंदे भारत ट्रेनों और ETCS सिस्टम को दूसरी परियोजनाओं में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। हालांकि रेल मंत्रालय और NHSRCL ने इस बारे में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वे 2030 तक बेहतरीन जापानी बुलेट ट्रेनें प्राप्त करने को लेकर आश्वस्त हैं।
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यात्रियों के लिए राहत-
अंतरिम व्यवस्था के रूप में शुरू की जाने वाली वंदे भारत ट्रेनें यात्रियों की अपेक्षाओं को पूरा करेंगी। ये ट्रेनें 2027 तक इस रूट पर चलने लगेंगी, जिससे यात्रियों को तेज और आरामदायक यात्रा का विकल्प मिलेगा।
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