रायन इंटरनैशनल स्कूल के मालिक पिंटो परिवार को हाई कोर्ट से मिली राहत को प्रदुम्न के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने रायन इंटरनैशनल के मालिकों की अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान सीबीआई से जवाब दाखिल करने को कहा था। तब तक के लिए पिंटो परिवार की गिरफ्तारी पर रोक दी थी।
वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर रेयान स्कूल के मालिको ने अपना पासपोर्ट जमा करा दिया है। कोर्ट ने कहा था कि पिंटो परिवार के विदेश भाग सकता है इसलिए उन्हें अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा। आरोपी कंडक्टर अशोक के वकील ने कहा है कि उसने हत्या नहीं की. अशोक के वकील ने कहा है कि कंडक्टर को झूठे केस में फंसाया जा रहा है. पुलिस ने ज़बरदस्ती उससे बयान दिलवाया है।
8 सितंबर को रायन इंटरनैशनल स्कूल में 7 साल के स्टूडेंट की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था।
इसके अलावा स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ जेजे एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने स्कूल के रीजनल हेड फ्रांसिस थॉमस और एचआर हेड की गिरफ्तारी कर लिया था। जिसके बाद स्कूल मैनेजमेंट के सदस्यों ऑगस्टीन पिंटो, रायन पिंटो और ग्रेस पिंटो ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दी थी। लेकिन कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद पिंटो परिवार की ओर से पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई। सीबीआई ने पक्षकार बनाने के लिए अर्जी दाखिल की। हाई कोर्ट ने इस दौरान सीबीआई को समय देते हुए पिंटो परिवार की गिरफ्तारी पर तत्काल रोक लगा दी।
मृतक के पिता के वकील सुशील टेकरीवाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर हाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी गई है। अर्जी में कहा गया है कि 8 सितंबर को बच्चे की स्कूल कैंपस में हत्या की गई। हत्या के बाद पुलिस ने हत्या, जेजे एक्ट और पॉक्सो के तहत केस दर्ज किया। मृतक के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर बच्चों की सेफ्टी के लिए गाइडलाइंस तय करने की गुहार लगाई थी, साथ ही सीबीआई जांच की मांग की थी। 22 सिंतबर को सीबीआई ने जांच शुरू कर दी थी।