लोकसभा के नए स्पीकर राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिड़ला होंगे। कई अटकलों के बाद बीजेपी ने उनका नाम इस पद के लिए तय किया। वहीं, ओम बिड़ला का नाम इससे पहले राष्ट्रीय राजनीति में कभी सुर्खियों में नहीं रहा। सिर्फ दो बार के सांसद ओम बिड़ला को लोकसभा का अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने सबको चौंका दिया है। आइये जानते है ओम बिड़ला के बारे में…
वैश्य बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले नए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प हैं। 2014 में कोटा से सांसद चुने गए बिड़ला ने इस लोकसभा चुनाव में बहुत बड़ी जीत हासिल की। 2019 चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राम नारायण मीणा को 2 लाख 79 हजार वोटों से हराया। वहीं, 2003, 2008 व 2013 में 12वी, 13वी व 14वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य भी रह चुके है। ओम बिड़ला 2014 में 16 वीं लोकसभा के चुनाव में पहली बार सांसद बने। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में वह दोबारा इसी सीट से सांसद बने।
वहीं, उन्हें प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया था। ओम बिड़ला सहकारी समितियों के चुनाव में भी रुचि रखते हैं। 1992 से 1995 के बीच वह राष्ट्रीय सहकारी संघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष रहे।
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परिवार की बात करे तो, 4 दिसंबर 1962 को जन्मे ओम बिड़ला के पिता का नाम श्रीकृष्ण बिड़ला और मां का नाम स्वर्गीय शकुंतला देवी है। उनकी पत्नी अमिता बिड़ला पेशे से चिकित्सक हैं और उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। इसके साथ ही, ओम बिड़ला की शैक्षणिक योग्यता एम. कॉम होने के साथ-साथ हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत का भी ज्ञान है।
इसके अलावा, राजस्थान सरकार मे संसदीय सचिव भी रहे। इस दौरान उन्होंने गंभीर रोगों के शिकार लोगों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। अगस्त 2004 में बाढ़ पीड़ितों के लिए काम किया। 2006 में तब ओम बिड़ला सुर्खियों में तब आए जब स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आजादी के स्वर नामक कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को समानित किया। यह समारोह कोटा और बूंदी में आयोजित हुआ था।