जूली चौरसिया
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में 9 नवंबर को शपथ लेने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसे बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की मौजूदा सीजेआई ललित की अगुवाई वाली पीठ ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि ये याचिका गलत आधार पर दर्ज की गई थी और वकील की दलीलों को सुनने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे कि इस याचिका पर विचार करने का का कोई ठोस कारण बन नहीं रहा है। ये याचिक पूरी तरह से भ्रामक और आधारहीन थी इसलिए इसे खारिज कर दिया गया।
जस्टिस चंद्रचू़ड़ शपथ रोकने की मांग किसने की ?
शपथ रोकने की याचिका वकील मुर्सलिन शेख द्वारा दायर करवाई गई थी, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने बारह मौकों पर सर्वोच्च न्यायालय के बड़े बाध्यकारी उदाहरणों की अवहेलना जानबूझकर की और योग्यवादियों को न्याय से वंचित रखा, इसलिए 9 नवंबर को जस्टिस चंद्रचूड़ को शपथ लेने से रोक दिया जाए। परंतु वो इसका कोई ठोस सबूत नहीं दे पाए और न ही अपने आरोपों को सही साबित कर पाए, इसलिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने लिए हैं कईं बड़े फैसले-
जस्टिस चंद्रचूड़ कई ऐतिहासिक फैसले देने वाली उच्चतम पीठों का हिस्सा रहे हैं। इन ऐतिहासिक फैसलों में आधार योजना की वैधता से जुड़े मामले, अयोध्या भूमि विवाद, सेना में महिलाओं का स्थाई कमीशन, व्याभिचार को अपराध की श्रेणी में डालने वाली IPC की धारा 497 को असंवैधानिक घोषित करना साथ ही उनके नेतृत्व में एक पीठ ने पिछले वर्ष कोरोना महामारी की दूसरी लहर को राष्ट्रीय आपदा बताते हुए कोरोना संकट के दौरान लोगों के दुखों को दूर करने के लिए कई निर्देश पारित किए थे। जस्टिस चंद्रचूड़ भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले CJI जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं, जो 22 फरवरी 1978 से लेकर 11 जुलाई 1983 तक भारतीय न्यायपालिका के प्रमुख थे।
राष्ट्रपति ने किया फैसला-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को भारत का 50 वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया, राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को 9 नवंबर से भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ CJI यू यू ललित के स्थान पर 9 नवंबर से कार्यरत होंगे , जस्टिस ललित CJI के पद से 8 नवंबर को सेवानिवृत होंगे।