जूली चौरसिया
अंडमान में एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अंडमान- निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को इस महीने की शुरुआत में ही गिरफ्तार किया गया था, अब उनके बाद इसी मामले में वहां के निलंबित अंडमान श्रम आयुक्त आर एल ऋषि को भी गिरफ्तार किया गया है। पोर्ट ब्लेयर की एक सत्र अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था। पिछले महीने एक 21 वर्षीय महिला द्वारा यौन उत्पीड़न और सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों में से एक आर एल ऋषि भी हैं, जिसे सोमवार को पोर्ट ब्लेयर में गिरफ्तार किया गया।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक महिला द्वारा दायर शिकायत के आधार पर पोर्ट ब्लेयर के एबेरडीन पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्राथमिकी में एक अक्टूबर को आरोपी ऋषि के साथ अंडमान निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण का नाम दर्ज किया गया था। जिस पर महिला ने आरोप लगाया कि उन्होंने उसे एक वादा करके बताया था कि वह उसे सरकारी नौकरी दिलाएंगे। नारायण को इस महीने की शुरुआत में तब गिरफ्तार किया गया जब पोर्ट ब्लेयर की एक सत्र अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
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इस मामले के आरोपी रिंकू और ऋषि मामला दर्ज होने के समय से ही फरार थे, और उनकी जमानत याचिका को पोर्ट ब्लेयर की अदालत ने खारिज कर दिया था। अंडमान और निकोबार पुलिस ने इन दोनों के बारे में जानकारी देने वाले के लिए एक लाख के इनाम की घोषणा की थी।
अपनी शिकायत में महिला ने पोर्ट ब्लेयर में नारायण के आधिकारिक आवास पर अप्रैल और मई में रात में दो बार हिंसक यौन हमले के बारे में पूरी जानकारी दी थी। इस मामले की जांच करते समय अंडमान निकोबार पुलिस की विशेष टीम ने पाया कि द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में एक कथित नौकरी के लिए सेक्स रैकेट की ओर इशारा करते हुए साक्ष्य और प्रमुख गवाह के बयान दर्ज किए गए थे। निलंबित श्रम आयुक्त एमआर ऋषि पर दुष्कर्म करने का आरोप है, तो वही रिंकू पर इस अपराध में साथ देने का आरोप लगाया गया है।
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