भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक खत्म हो गई है आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसके बाद ब्याज दरों को लेकर अहम फैसला किया है। रेपो रेट में आरबीआई गवर्नर ने 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25% की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। जिसके बाद रेपो रेट यानी प्रमुख ब्याज दर 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गई है। सोमवार से मौद्रिक नीति समिति MCP की 3 दिन की बैठक शुरू हुई। इस बैठक के नतीजों के बारे में जानकारी देते हुए आज बुधवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस समय की आर्थिक स्थिति को देखते हुए। एमपीसी ने नीतिगत दर को 0.25% बढ़ाने का फैसला किया है, जिसके बाद अब नीति दर बढ़कर 6.50% हो गई है।
The RBI today announced another repo rate hike – by 25 bps to 6.5%. Repo rate is now at April 2016 levels. Here’s how the repo rates have looked since 2015. #reporate #rbi pic.twitter.com/6OSakenhLN
— Kuvera (@Kuvera_In) February 8, 2023
MCP के सदस्यों के पक्ष-
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार एमपीसी के 6 सदस्यों में से चार सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में है। हालांकि अगर हम पहले बढ़ाई गई रेपो रेट की बात करें तो बाद की दर की वृद्धि थोड़ी कम है। नीतिगत दर पर निर्णय लेते समय केंद्रीय बैंक खुदरा महंगाई पर मुख्य रूप से ध्यान देता है। दिसंबर में थोक महंगाई दर 5.95 फ़ीसदी और खुदरा महंगाई 5.72 फ़ीसदी थी, जो आरबीआई के लक्ष्य के दायरे में आता है।
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आपके Loan की बढ़ेगी EMI-
भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार छठी बार रेपो रेट बढ़ाया है। महंगाई पर काबू पाने के लिए इससे पहले आरबीआई ने रेपो रेट 2022 के दिसंबर में 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया था, सितंबर 2022 में रेपो रेट 50 बेसिस प्वाइंट, अगस्त में 5 बेसिस प्वाइंट, जून 2022 में 50 बेसिस प्वाइंट और मई 2022 में 40 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया था। बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि साल 2023 की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5 पॉइंट 9 फ़ीसदी से हटकर पांच पांच फ़ीसदी पर रहने की उम्मीद है। वहीं इस वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5% और आने वाले वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत होने का अनुमान है।