जूली चौरसिया
आज के इस व्यस्त ज़माने में लोगों के पास अपने परिवार के लिए तो क्या खुद के बारे में सोचने तक का समय नहीं है। तो हमारे घरों के आस-पास फुटपाथ पर जो गरीब लोग रहते हैं, उनके बारे में सोचने के लिए क्या ही वक्त होगा। लेकिन किसी ने गरीब लोगों के लिए कुछ सोचा और इस सोच से ही बनी नेकी की दीवार।
क्या है नेकी की दीवार-
ये नेकी की दीवार एक चैरिटी रैक है, ये ज़रुरतमंद और बेसहारा लोगों के लिए बनाई गई है। जिन लोगों के पास ज़रुरत का सारा सामान है या फिर उनके पास ऐसे सामान है जो अच्छी स्थिति में तो है पर वो उसका इस्तेमाल नहीं करते या कर नहीं पाते या तो वो छोटे हो जाते हैं या फिर आपको फिट नहीं आते। जैसे- जूते, चप्पल, कपड़े आदि दिनचर्या में इस्तेमाल किए जाने वाले सामान, जिनकी condition अच्छी है पर आप उसका इस्तेमाल नहीं करते और वो आपके पास ऐसे ही रखी हुए हैं तो क्यों न आप उसे किसी ज़रुरतमंद को देकर उसकी मदद कर दें। बस इसलिए इस नेकी की दीवार को बनाया गया है। जिससे आप कुछ अच्छा काम भी कर लें और किसी ज़रुरतमंद की ज़रुरत भी पूरी हो जाए। इससे आपका कोई नुकसान तो नहीं होगा पर किसी का भला ज़रुर हो सकता है।
कहां से हुई शुरुआत-
इस नेकी की दीवार की शुरुआत सबसे पहले 2016 में मध्यप्रदेश से हुई थी। इसके बाद इसका निर्माण कई जगहों पर किया गया, जैसे- दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाज़ियाबाद, झज्जर के साथ और भी बहुत से स्थानों पर इस नेकी की दीवार का निर्माण किया गया है। वो कहते हैं न “मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया”, ऐसे ही इस नेकी की दीवार की शुरुआत एक राज्य से हुई और आज भारत के बहुत से राज्यों में ये नेकी दीवार बनाई जा चुकी हैं।
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अच्छा अनुभव-
ये एक बहुत अच्छी शुरुआत है हम सभी को अपनी व्यस्त ज़िदगी में से कुछ समय या फिर कुछ सामान किसी ज़रुरतमंद को ज़रुर देना चाहिए। इससे आपको अंदर से एक खुशी का अनुभव होगा। हम सभी को इसमें आगे बढ़कर भाग लेना चाहिए। अगर आपके आस-पास भी कोई ज़रुरतमंद है या नेकी की दीवार है और आप लोगों की मदद के लिए कुछ देने में समर्थ हैं तो ऐसा ज़रुर करें।
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