हरियाणा में लोगों को सस्ती, सुरक्षित, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए जल्दी ही हरियाणा सरकार हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 375 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराएगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हाई पावर्ड परचेज कमेटी (HPPC) और डिपार्टमेंट हाई पावर्ड परचेज कमेटी (DHPPC) की बैठक में इन बसों को खरीदने के लिए मंजूरी दे दी गई।
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27 एजेंडा को दी गई मंजूरी-
बैठक में विभिन्न विभागों के द्वारा 5,412 करोड़ रुपये के सामान एवं सामग्री की खरीद को भी आज्ञा दे दी गई। इस बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मनोहर लाल खट्टर ने यह कहा कि अलग-अलग विभागों के द्वारा 28 एजेंडा रखे गए थे जिसमें से 27 एजेंडा को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अलग-अलग कंपनियों से बातचीत करने के बाद तय की गई दर से करीब 85 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
बैठक के दौरान CM ने क्या कहा-
बैठक के दौरान CM ने कहा कि नगर निकायों के लिए लगभग 4.50 लाख स्ट्रीट लाइटें खरीदने की भी मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही हमने सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा और साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए 21 हाई प्रेशर जेटिंग-कम सक्शन हाइड्रॉलिकली सीवर क्लीनिंग मशीन खरीदने की भी स्वीकृति दी है।
बैठक में करीब 1200 करोड़ रुपये के डक्टाइल पाइप खरीदने के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में यह कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। सीएम ने कहा कि यदि किसानों को किसी तरह का कोई नुकसान होता है तो राज्य सरकार तत्काल मुआवजा देती है। राज्य सरकार मई के महीने में किसानों को 15,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दे रही है।
खट्टर ने कांग्रेस पर निशाना साधा-
खट्टर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में किसानों को करीब 1200 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने 2015 में 1200 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया था। इस बार भी फसल का नुकसान देखते हुए ऐसा लगता है कि राज्य सरकार को अधिक मुआवजा देना पड़ेगा। लेकिन हम किसानों का नुकसान नहीं होने देंगें।
फसलों के नुकसान का मुआवजा-
खट्टर ने यह कहा कि मेरी फसल, मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसान अपनी भूमि क्षेत्र और फसल की पूरी जानकारी दर्ज करते हैं। लेकिन अब सरकार ने E-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल भी बनाया है, जिस पर किसान 72 घंटे के भीतर अपनी फसल का नुकसान दर्ज करते हैं। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से चल रही है और मई के महीने तक सभी किसानों को मुआवजा दे दिया जाएगा।
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