हाल ही में आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस पार्टी ने विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है। शनिवार को एक ऑफिशियल बयान में यह कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रमोद कृष्णम को तुरंत 6 साल की अवधि के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। जिसमें कहा गया था कि यह निर्णय अनुशासनहीनता की शिकायत और पार्टी के खिलाफ बार-बार सार्वजनिक बयानों के बाद लिया जा रहा है। कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के बाद आचार्य प्रमोद ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है।
राम और “राष्ट्र”
पर “समझौता” नहीं किया जा सकता. @RahulGandhi
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) February 11, 2024
आचार्य प्रमोद की पहली प्रतिक्रिया-
अब उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट के जरिए राहुल को टैग करते हुए कहा कि राम और राष्ट्रीय पर समझौता नहीं किया जा सकता। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कृष्णम लगातार सार्वजनिक मंचों पर खुलकर राहुल गांधी का विरोध करते हैं और प्रियंका गांधी का पक्ष लेते हैं। उनकी मांग है कि कांग्रेस की कमान प्रियंका के हाथों में होनी चाहिए, तभी पार्टी का कार्यकाल संभव है।
भाजपा के प्रति सहानुभूति-
बीते कुछ दिनों से वह भाजपा के प्रति बहुत सहानुभूति भी दिख रहे थे। पार्टी लाइन से अलग जाकर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर पर भाजपा का समर्थन किया था। उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार करने के कांग्रेस के फैसले की खुलकर आलोचना की और उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण फैसला बताया था। वह रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए 22 जनवरी को अयोध्या भी गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात-
आचार्य प्रमोद ने बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुलाकात की। उन्हें 29 फरवरी को कल्कि धाम के समारोह में संभल आने का निमंत्रण दिया गया था। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ही आचार्य प्रमोद ने कहा था कि उनसे मिलने के बाद मुझे एहसास हुआ कि उन पर देवीय कृपा है। वह देवीय शक्तियों का प्रतीक है, उसने मिलकर मुझे जो भी अनुभूति हुई है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
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विपक्षी गठबंधन-
विपक्षी गठबंधन को लेकर प्रमोद कृष्ण ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इंडिया ब्लॉक बचा कहां, जन्म होते ही यह गठबंधन बीमार होकर आईसीयू में भर्ती हो गया, इसके बाद पटना के नीतीश कुमार ने इसका अंतिम संस्कार कर दिया और जयंत चौधरी इसका श्राद करेंगे। प्रमोद का जन्म 4 जनवरी 1965 को उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। पार्टी ने 2014 में उन्हें संभल और 2019 में लखनऊ से प्रत्याशी बनाया था। दोनों ही बार उन्हें हार मिली।
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