दिवाली के बाद से ही दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिन-प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। जिसे देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की घोषणा कर दी है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक नोएडा में (339), गुरुग्राम में (300), व दिल्ली विश्वविद्यालय (351) में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खतरनाक श्रेणी में है। प्रदूषित हवा ने धुंध की एक मोटी परत के रूप में दिल्लीवासियों को घेर रखा है। जिससे अस्थमा जैसी बीमारियों से ग्रसित व बुढ़े और बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
प्रदूषण बढ़ने के कारण-
मौसम विभाग के विशेषज्ञों की मानें तो हवा की खराब गुणवत्ता के लिए महीने की पिछली छमाही में बारिश की कमी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। तो वहीं दिवाली पर पटाखों के जलाए जाने को भी वायु प्रदूषण का कारण माना जा रहा है। दूसरी तरफ पंजाब और हरियाणा के खेतों में जलाई जाने वाली पराली को और वाहनों से निकलने वाले हानिकारक गैसों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के दो प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।
पराली जलाने से प्रदूषण न हो इसलिए हरियाणा सरकार एमएसपी पर किसानों से पराली खरीदेगी
सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास-
हवा की खराब गुणवत्ता को देखते हुए सरकार ने अपने 50% सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश दे दिया है। जबकि निजी कार्यालयों में कर्मचारियों को नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है, तो वहीं स्कूलों में छुट्टी का ऐलान भी कर दिया गया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं करवाई जा रही है जिससे बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर ना पड़े।
डीजल से भारत और दुनिया को क्या समस्या है? सरकार इसके वाहनों को क्यों प्रतिबंधित करने में लगी है?