केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सीबीआई को देशभर में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के नाम पर हो रही धांधली और फर्जीवाड़े की जांच करने को कहा है। मंत्रालय के मुताबिक देशभर से उनके पास बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ के नाम पर फंड लेने के लिए लाखों की संख्या में एनजीओ के फॉर्म आ रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार ने ऐसा कोई फंड बनाया ही नहीं है। मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक शायद कोई गिरोह या सिंडीकेट सक्रिय है, जो लोगों को फर्जी फंड के नाम पर फॉर्म बेच कर फर्जीवाड़ा कर रहा है।
महिला एंव बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक उनके पास अब तक फंड से रुपए लेने की उम्मीद में देशभर से 2 लाख से ज्यादा फॉर्म आ चुके हैं। जबकि एक लाख से भी ज्यादा फॉर्म पोस्टल विभाग में हैं जो मंत्रालय पहुंचने वाले हैं। फॉर्म भरकर भेजने वाले ये सभी एनजीओ इस उम्मीद में हैं कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कैंपेन के तहत उन्हें केंद्र सरकार से कुछ फंड मिलेगा। मंत्रालय के अधिकारियों को शक है कि शायद केंद्र सरकार की छवी खराब करने के लिए भी कुछ तत्वों ने भ्रामक प्रचार किया है। अधिकारियों ने माना है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक मैसेज भेजकर लोगों को भ्रमित किया गया है।
मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद हमने अपने स्तर पर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है। कई कैंपेन शुरू किए, लोगों को यह बताने के लिए कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत पैसा देने की कोई स्कीम नहीं है और जो इस नाम पर पैसा वसूल रहे हैं या पैसा दिलाने का दावा कर रहे हैं उनसे सतर्क रहें। लेकिन मंत्रालय की तमाम कोशिशों के बावजूद अलग-अलग राज्यों से मंत्रालय के पास फॉर्म आने जारी हैं। ऐसे में इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए सीबीआई को जांच सौंप दी गई है।