Electoral bond data: गुरुवार को चुनाव आयोग द्वारा चुनावी बॉन्ड के आंकड़े जारी किए गए, जिसके मुताबिक, साल 2019 और 2024 के बीच में राजनीतिक दलों के शीर्ष पांच (Top 5) चुनावी बॉड डॉनर्स में से तीन ऐसी कंपनियां मिली है। जिन्होंने निदेशालय और आयकर जांच का सामना करने के बावजूद भी बॉन्ड खरीदे हैं। इसमें उन कंपनियों और व्यक्तियों के का ब्यूरो दिया गया है। जिसमें लॉटरी कंपनी फ्यूचर गेमिंग, खनन दिग्गज वेदांत और इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म मेघा इंजीनियर शामिल है। चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में नंबर वन पर खरीदार सेंटियागो मार्टिन द्वारा संचालित फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड है। इस लॉटरी कंपनी ने साल 2019 से 2024 के बीच में 13,00 करोड रुपए के बॉन्ड खरीदे हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू-
ईडी ने 2019 की शुरुआत में इस फ्यूचर गेमिंग कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। जुलाई तक उसने कंपनी से संबंधित ढाई सौ करोड रुपए से ज्यादा की संपत्ति जप्त की 2 अप्रैल 2022 को ईडी ने इस मामले में 409.92 करोड रुपए की चल संपत्ति जब्त की। इन संपत्तियों को जब्त करने के 5 दिन बाद 7 अप्रैल को फ्यूचर गेमिंग ने 100 करोड रुपए के चुनावी बांड खरीदे। कंपनी लॉटरी कंपनी फ्यूचर गेमिंग जो पहले मार्टिन लाटरी एजेंसी थी के खिलाफ पीएमएलए के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की। केंद्रीय जांच ब्यूरो में दायर एक आरोप पत्र में ईडी के मुताबिक मार्टिन और अन्य ने लॉटरी विनिमय अधिनियम 1998 के प्रावधानों का उल्लंघन करने और सिक्किम सरकार को धोखा देकर गलत लाभ प्राप्त करने के लिए एक आपराधिक साजिश रची है।
मेगा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड-
ईडी ने साल 2019 के जुलाई में एक बयान में कहा कि मार्टिन और उनके सहयोगियों ने 01.04.2009 से 31.08.2010 तक की समयसीमा के लिए पुरस्कार विजेता टिकटों के दावों को बढ़ाकर 910.3 करोड रुपए का अवैध लाभ कमाया है। राजनीतिक दलों का दूसरा सबसे बड़ा डॉनर हैदराबाद में मौजूद मेगा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है। जिसने साल 2019 से 24 के बीच हजार करोड रुपए के बॉद खरीदे हैं। कृष्ण रेड्डी द्वारा संचालित मेघा इंजीनियरिंग तेलंगाना सरकार की प्रमुख परियोजनाओं में शामिल है। यह कालेश्वर बांध परियोजना, जोझीला सुरंग और पोलावरम बांध का निर्माण कर रहा है। अक्टूबर 2019 में आयकर विभाग ने कंपनी के दफ्तरों पर छापेमारी की थी।
चीनी इलेक्ट्रिक कार निर्माता-
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय की ओर से भी जांच शुरू की गई। संयोग से उसी साल 12 अप्रैल को एमईआईएल ने 50 करोड़ रुपए के पोल बॉन्ड खरीदे। पिछले साल सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए चीनी इलेक्ट्रिक कार निर्माता BYD और उसके हैदराबाद में मौजूद MEIL के एक बिलियन डॉलर के निवेश प्रस्ताब को खारिज कर दिया। अनिल अग्रवाल का वेदांत समूह पांचवा सबसे बड़ा डॉनर है। जिसने 376 करोड रुपए के बॉन्ड खरीदे। जिसकी पहले किश्त अप्रैल 2019 में खरीदी गई थी। विशेष रूप से 2018 के मध्य में ईडी ने यह दावा किया था कि उसके पास वीजा के लिए रिश्वत मामले में वेदांत समूह की कथित भागीदारी से संबंधित सबूत है।
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नियम तोड़कर वीजा-
जहां पर कुछ चीनी नागरिकों को नियम तोड़कर वीजा दिया जाता है। ईडी द्वारा सीबीआई को भेजा गया। एक संदर्भ में 2022 में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया। जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की। 16 अप्रैल 2019 को वेदांता लिमिटेड ने 39 करोड रुपए से ज्यादा के बॉन्ड खरीदे। अगले 4 सालों में 2020 की महामारी को छोड़कर नवंबर 2023 तक इसमें 337 करोड़ रुपए से ज्यादा के बॉन्ड खरीदे। वेदांत द्वारा खरीदे गए बॉन्ड या संचय मूल्य 376 करोड रुपए से ज्यादा हो गया। जिंदल स्टील एंड पावर भी उन 15 डोनर्स में से एक है जो इस मामले सबसे ऊपर है। कंपनी ने इस अवधि में बॉन्ड के माध्यम से 123 करोड रुपए का दान किया है। जबकि कंपनी को कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच का सामना करना पड़ रहा है। ईडी ने अप्रैल 2022 में विदेशी मुद्रा उल्लंघन के एक ताजा मामले के संबंध में कंपनी और उसके प्रमोटर नवीन जिंदल के परिसर पर छापा मारा।
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