स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे बड़ा कर सुधार कहा जा रहा – गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी – शनिवार, 1 जुलाई, 2017 से लागू होने जा रहा है। इसके लिए शुक्रवार मध्यरात्रि को संसद के सेंट्रल हॉल में एक विशेष समारोह आयोजित किया जान है। जिसमें राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे लॉन्च करेंगे। देश और राज्यों में फिलहाल लागू लगभग दर्जनभर अलग-अलग अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेने जा रहे जीएसटी को लेकर सरकार का कहना है कि इससे ‘एक देश, एक बाज़ार, एक कर’ व्यवस्था को अमली जामा पहनाया जा सकेगा।
चूंकि जीएसटी का मकसद ‘टैक्स पर टैक्स’ को खत्म करना है, इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि समय के साथ वस्तुओं तथा उत्पादों पर कर का बोझ कुल मिलाकर कम ही होगा। जीएसटी के तहत खुले अनाज, गुड़, दूध, अंडे और नमक जैसी बहुत-सी आवश्यक वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। जबकि बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं महंगी हो जाएंगी, क्योंकि जीएसटी के तहत इन्हें मौजूदा 15 फीसदी की स्लैब से निकालकर 18 फीसदी की दर में रखा गया है।
जीएसटी के लागू हो जाने के बाद 500 रुपये से कम कीमत वाले जूते-चप्पलों, तैयार पोशाकों तथा मोबाइल फोन जैसी कई वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी, जबकि टीवी तथा छोटी कारें महंगी होने जा रही हैं।
पेट्रोल, डीज़ल तथा एविएशन टर्बाइन फ्यूल जैसे पेट्रोलियम पदार्थों को फिलहाल जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। जीएसटी काउंसिल इस मुद्दे पर बाद में फैसला करेगी, फिलहाल शराब को भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
आइए, आपको रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ों की एक सूची हम दिखा रहे हैं, जिसमें उन पर लगने वाले टैक्स की मौजूदा दर भी है, और प्रोफेशनल सर्विसेज़ फर्म अर्न्स्ट एंड यंग के मुताबिक, जीएसटी के बाद उन पर कितना टैक्स देना पड़ेगा, यह भी बताया गया है।