सिक्किम बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच तनातनी के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत की तारीफ की है। G-20 समिट से इतर ब्रिक्स देशों की बैठक को संबोधित करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत संकल्प को सराहा। इस बैठक की अध्यक्षता भारत कर रहा है। वहीं, जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में जी-20 शिखर सम्मेलन औपचारिक तौर पर शुरू हो गया।
चीनी राष्ट्रपति के संबोधन से पहले ब्रिक्स देशों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी के बारे में भी बात की। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए किए जा रहे सुधारों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी से पूरा भारत एक मार्केट बन जाएगा। हमारे फैसले से वैश्विक परिस्थितियों पर बेहतर असर होगा और व्यापार में आसानी होगी। मोदी ने अपने भाषण के शुरुआत में कहा कि सर्वप्रथम राष्ट्रपति शी जिनपिंग के स्वागत भरे शब्दों और बैठक की मेजबानी करने के लिए धन्यवाद।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उतार-चढाव तथा खराब होती सुरक्षा स्थिति वैश्विक परिप्रेक्ष्य को लगातार प्रभावित कर रही हैं। आतंकवाद का पश्चिम एशिया में फैलाव, एशियाई एवं यूरोपीय समाजों की सुरक्षा को इससे खतरा और अफगानिस्तान पर इसका बढ़ता प्रकोप एक गंभीर संकट है। खाड़ी क्षेत्र, पश्चिम एशिया और उत्तर कोरिया को लेकर पूर्वी एशिया में बढ़ती हुई जियो पालिटिकल तनाव चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सौभाग्यवश वैश्विक आर्थिक विकास में सुधार हो रहा है। भारत की स्वयं की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स देशों की बैठक में प्रोटेक्शनिज्म का भी सवाल उठाया। मोदी ने कहा कि मौजूदा समय में दुनिया को ब्रिक्स लीडरशिप की जरूरत है। भारत क्लाइमेट एग्रीमेंट को एक अच्छी भावना के साथ लागू करेगा। इससे पहले जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल दुनिया भर के शीर्ष नेताओं का स्वागत किया। मर्केल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाकर उनका जी20 सम्मेलन में बतौर मेजबान स्वागत किया। इसके साथ ही ट्रंप, पुतिन और चीनी राष्ट्रपति से भी एंजेला मर्केल ने मुलाकात की। इसके बाद एंजेला मर्केल का स्वागत भाषण होगा।
ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी की जरूरत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच देशों के नेताओं के साथ बैठक में ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी बनाने पर जोर दिया। साथ ही ब्रिक्स देशों के बीच पीपुल टू पीपुल कॉन्टैक्ट बढ़ाने पर भी जोर देने की बात की।
काले धन पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्लैकमनी के सेफ हैवेन और आतंक की फंडिंग के खिलाफ एक्शन की जरूरत है। अपने भाषण के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी बधाई दी। और कहा कि ब्रिक्स समिट के आयोजन में भारत अपना पूरा सहयोग देगा। इस बार के जी-20 सम्मेलन की थीम ‘शेपिंग एन इंटर-कनेक्टेड वर्ल्ड’ रखी गई है। सम्मेलन में मुक्त और खुला व्यापार, पलायन, सतत विकास और वैश्विक स्थिरता पर चर्चा होने की उम्मीद है।
क्या है जी20 का एजेंडा
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगले दो दिन दुनिया को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर जी20 देशों के नेताओं के साथ बात होगी। इनमें आर्थिक विकास, सतत विकास और शांति एवं स्थिरता पर बात होगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल हांगझू में हुई जी20 समिट में उठाए गए मुद्दों पर प्रगति की समीक्षा हो सकती है। इनमें आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, विकास और व्यापार, डिजिटलाइजेशन, स्वास्थ्य, रोजगार, पलायन, महिला सशक्तिकरण और अफ्रीका के साथ भागीदारी पर चर्चा होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली बार की तरह ही बैठक से अलग दूसरे देशों के नेताओं के साथ मुलाकात होगी और द्विपक्षीय रिश्तों पर चर्चा होने की उम्मीद है। हैम्बर्ग में जी20 समिट के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा, जापान और ब्रिटेन के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इसकी पुष्टि हो गई है। सम्मेलन का पहला वर्किंग सेशन ‘वैश्विक विकास और व्यापार’ पर है। इसके बाद सतत विकास, क्लाइमेट और एनर्जी पर दूसरा सत्र है। शाम को दुनिया भर के नेता म्यूजिकल कंसर्ट में हिस्सा लेंगे और इसके बाद डिनर का आयोजन होगा।
सम्मेलन का दूसरा दिन
दूसरे दिन की शुरुआत ‘अफ्रीका के साथ भागीदारी, पलायन और स्वास्थ्य’ पर केंद्रित सम्मेलन के तीसरे सत्र से होगी। इसके बाद चौथा सेशन डिजिटलाइजेशन, महिला सशक्तिकरण और रोजगार पर आधारित होगा।
शनिवार की शाम को समापन सत्र का आयोजन किया जाएगा और फिर जी20 के नेता साझा बयान जारी करेंगे।
दुनिया को एक आकार देने की तैयारी
परस्पर संबद्ध दुनिया को एक आकार देने की शेपिंग एन इंटर-कनेक्टेड वर्ल्ड थीम पर आधारित इस सम्मेलन का आयोजन ऐसे समय में किया जा रहा है जब इसमें हिस्सा लेने वाले कई संभावित नेताओं के बीच के मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं। इनमें से अधिकतर मतभेद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जलवायु परिवर्तन और मुक्त व्यापार को लेकर सार्वजनिक मंचों पर दी गयी राय से संबंधित हैं।
क्या है G-20, कौन हो रहे शामिल
इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत अन्य शीर्ष नेता हिस्सा ले रहे हैं। आपको बता दें कि उन्नीस देशों और यूरोपीय संघ के संगठन को ग्रुप ऑफ 20 कहा जाता है। अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनिशया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका इस समूह के सदस्य हैं।
जी20 सम्मेलन के विरोध में प्रदर्शन
हैम्बर्ग सम्मेलन की मेजबान और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की जन्मभूमि होने के साथ-साथ वामपंथ का सरकार विरोधी गढ़ भी है। इस सम्मेलन से पहले कम-से-कम 30 प्रदर्शन होने की उम्मीद है। जिसमें पूंजीवाद विरोधी समूहों के सदस्यों समेत हजारों लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है। स्थानीय प्रशासन को इन प्रदर्शनों के शांतिपूर्ण रहने की उम्मीद है। समारोह स्थल की सुरक्षा के लिए करीब 15,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा करीब 4,000 कर्मी हवाईअड्डा और ट्रेनों की सुरक्षा पर नजर रखेंगे।