अमरनाथ यात्रा में 18 दिनों में 47 श्रद्धालुओं की मौतें हो चुकी है। इन मौतों का कारण आतंकी हमला, दुर्घटना और स्वास्थ्य से जुड़े हुए हैं।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ उमंग नरुला ने कहा, ’29 जून से 16 जुलाई के बीच 19 यात्रियों की चिकित्सकीय कारणों से मौत हो गई। 20 दुर्घटना में मारे गए। 10 जुलाई को आठ यात्री बस पर हुए आतंकी हमले में मारे गए।
उन्होंने कहा कि मंगलवार तक बोर्ड ने परिवहन पर 14,66,975 रुपए और 1,34,75,000 रुपए अनुग्रहपूर्वक भुगतान के तौर पर खर्च किए हैं। बोर्ड ने कहा कि दक्षिण कश्मीर अनंतनाग जिले में आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को दी जाने वाली राहत राशि बढ़ाने का फैसला लिया गया था।
सीईओ ने पहले ये सुनिश्चित किया था कि आतंकी हमले पीड़तों के शवों को उनके घर पहुंचाने का खर्चा बोर्ड वहन करेगा। 37 मामलों में बोर्ड ने ताबूत के साथ एस्कॉर्ट का खर्चा भी उठाया था।
वहीं, 16 जुलाई को बनिहाल के पास हुई बस दुर्घटना में 16 यात्री मारे गए थे। सीईओ ने कहा कि तीन यात्रियों के ताबूत एंबुलेंस में राजस्थान में सीकार, हरियाण में पानीपत और जम्मू में आरएसपुरा भेजे गए।
नरुला ने बताया कि एक महिला यात्री छाया देवी के शव जम्मू में शवगृह में रखा गया है क्योंकि उसके पति और बेटे भी रामसू सड़क दुर्घटना में घायल हो गए था। उनका जम्मू में इलाज चल रहा है।