ठोस ईंधन से चलने वाली मिसाइल विकसित करने में किम जोंग-सिक की अहम भूमिका मानी जाती है। जबकि अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल हासिल करने के पीछे कथित रूप से री प्योंग-चोल का दिमाग है। उत्तर कोरिया के लगातार मिसाइल परीक्षण के दौरान जो भी तस्वीरें सार्वजनिक हुई हैं उसमें ये दोनों किम जोंग-उन के साथ नज़र आते रहे हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने मई में कहा था कि इन दोनों को किम जोंग-उन ने ही चुना था।
अमरीका का कहना है कि उत्तर कोरिया के बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के पीछे किम जोंग-सिक और री प्योंग-चोल का हाथ है। अमरीका ने उत्तर कोरिया के मिसाइल कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाने वाले दो अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। पिछले हफ़्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ताज़ा प्रतिबंध सूची में भी इन दोनों अधिकारियों का नाम था।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया पर अब तक का सबसे कड़ा दसवां प्रतिबंध लगाया। इसके अमल में आते ही उत्तर कोरिया का पेट्रोलियम आयात 90 प्रतिशत तक घट जाएगा। उत्तर कोरिया ने इसे ‘युद्ध छेड़ने जैसी हरकत‘ बताया है। इस बीच रूस ने कहा है कि उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ अमरीका की आक्रामक बयानबाज़ी अस्वीकार्य है।