ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी और आरएसएस पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस दलित-मुस्लिम मुक्त भारत बनाना चाहता है। देश में हिंदुत्व विचाराधारा को थोपा जा रहा है। दलित और मुसलमान दोनों इस तरह के प्रयासों के खिलाफ एकजुट हों और कहें कि वो हिंदुत्व की विचारधारा को स्वीकार नहीं करेंगे। ओवैसी ने ये बात सोमवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक जनसभा में कही।
‘संघ परिवार कमजोरों को दबाना चाहता है‘
ओवैसी ने कहा कि मौजूदा दौर में मुसलमानों और दलितों को जागरुक रहने की जरूरत है। क्योंकि बीजेपी और संघ परिवार समाज में गड़बड़ी और कमजोर वर्ग को दबाने का काम कर रहे हैं। बीजेपी इस देश को मुस्लिम मुक्त बनाना चाहती हैं तो वहीं आरएसएस इस देश को दलित मुक्त बनाना चाहता है।उन्होंने कहा कि संघ परिवार की विचारधारा और इनके गुरू गोलवलकर, हेडगेवार से लेकर सावरकर की तक विचारधारा मुस्लिमों को हिंदू बनाने की है। ऐसे में अब जरूरत है कि दलित-मुस्लिम संघ के इस तरह के प्रयासों के खिलाफ एक जुट हों और कहें कि वो हिंदुत्व को स्वीकार नहीं करेंगे। ओवैसा ने कहा कि दलित मुस्लिम एकता संघ परिवार के उत्पीड़ने और भेदभाव को रोकने के लिए समय की आवश्यकता है।
साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन तलाक के खिलाफ प्रस्तावित बिल लाने पर एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक के जरिए महिलाओं को न्याय दिलाना तो एक बहाना है, निशाना तो शरीयत है।
ओवैसी ने मोदी को हर भारतीय के खाते में 15 लाख रुपए दिए जाने के कथित वादे की याद दिलाते हुए कहा कि आगामी बजट में तीन तलाक मिलने वाली महिलाओं को 15 हजार देने का प्रावधान होना चाहिए। 15 लाख नहीं तो 15 हजार ही दे दो मित्रों। केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 (तीन तलाक) के मुद्दे पर कहा है कि यह धर्म या विश्वास का मुद्दा नहीं, बल्कि लैंगिक समानता और लैंगिक न्याय का मुद्दा है।
बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में तीन तलाक विधेयक का विरोध किया था। हालांकि उनके सभी संशोधन खारिज हो गए थे। सरकार द्वारा प्रस्तावित बिल में कहा गया है कि तीन तलाक गैरकानूनी और दंडनीय अपराध माना जाएगा। इसमें पीड़िता को पति से गुजारा भत्ता और बच्चों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए सहायता दी जाएगी।
'Justice for women is an excuse, the target is Shariat': Asaduddin Owaisi on Triple Talaq, also said that, 'money should be allocated in budget to give Rs 15 thousand per month to women who have been given #TripleTalaq, 15 lakh nahi to 15 hazar hi dedo mitron' pic.twitter.com/KkYZhAN5Bj
— ANI (@ANI) January 22, 2018