पद्मावत विवाद पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को घेरने की भाजपा की रणनीति उस वक्त विफल साबित हो गई जब पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के ट्वीटर हैंडल से किया गया ट्वीट झूठा साबित हो गया और उन्हें ये ट्वीट डिलीट करना पडा।
दरअसल पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के ट्विटर आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया गया और लिखा गया, ‘करणी सेना के हिंसा की आलोचना करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से एक भी ट्वीट नहीं किया गया।’ पर्यावरण मंत्रालय द्वारा यह ट्वीट गुरुवार (25 जनवरी) को सुबह किया गया। जबकि राहुल गांधी 24 जनवरी को ही गुरुग्राम में करणी सेना की हिंसा की आलोचना कर चुके थे। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को जब इस गलती की जानकारी हुई तो उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। हालांकि सोशल मीडिया पर लोगों ने इस ट्वीट के स्क्रीन शॉट को पहले ही रख लिया था। इस ट्वीट की वजह से मंत्रालय को आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है।
इस ट्वीट के वायरल होने के बाद एक यूजर ने लिखा क्या लोगों को ट्रोल करने के लिए सरकार का पैसा इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस के आईटी सेल से जुड़े एक शख्स ने लिखा, ‘राहुल गांधी पहले ही इस घटना की आलोचना कर चुके हैं।’ एक यूजर ने लिखा, ‘क्या लोगों को ट्रोल करने के लिए सरकार को मैंडेट मिला है।’ एक दूसरे यूजर ने लिखा, ‘अच्छा है मंत्रालय ने ट्वीट डिलीट कर दिया स्क्रीन शॉट देख लीजिए। एनआरआई फ्रेंड्स कांग्रेस ने लिखा, ‘टैक्सपेयर्स के पैसे से इस तरह की बर्बादी कहां तक उचित है।’
बता दें कि राहुल ने बुधवार को संजय लीला भंसाली की फिल्म के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में गुरुग्राम की बस पर करणी सेना के समर्थकों द्वारा हमला करने का वीडियो वायरल होने के कुछ घंटों बाद ट्वीट किया और कहा, “बच्चों के खिलाफ हिंसा को जायज ठहराने के लिए कोई भी कारण नहीं हो सकता। हिंसा और नफरता कमजोर लोगों के हथियार हैं। भाजपा नफरत और हिंसा की राजनीति कर पूरे देश आग में लगा रही है।”
This tweet proves a few things:
1) Ministry of Environment, Forest & Climate Change pays someone to tweet.
2) Taxpayer money goes to the person/organization handling the account.
3) The person/organization handling MoEF&CC also runs troll handles.
4) Government is paying trolls. pic.twitter.com/oSQCF3EMJw
— meghnad 🔗 (@Memeghnad) January 25, 2018