उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर में एक 70 वर्षीया बुजुर्ग महिला की तबियत बिगडी तो उसके परिवार वालों ने एंबुलेंस के लिए फोन किया लेकिन एंबुलेंस के ड्राईवर ने तेल न होने की बात कह बुजुर्ग को अस्पताल तक पहुंचाने से साफ इंकार कर दिया। बुजुर्ग का परिवार मजबूरनवस उन्हें खाट पर लिटा अस्पताल की ओर निकल पडा। हाईवे पर परिवार को एक ट्रक मिला जिसमें खाट रख परिवार के सदस्य मंजीता कौर को अस्पताल तक लेकर पहुंचे। ये घटना शाहजहांपुर के भेदपुर गांव की बताई जा रही है।
जब मंजीता कौर की तबियत बिगडी तो परिवार ने 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस को बुलाना चाहा लेकिन ड्राईवर ने तेल न होने की बात कह आने से साफ इंकार कर दिया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक एंबुलेंस न मिलने के बाद मंजीत के परिवार के चार सदस्यों ने उसे खाट पर बैठाया और जिला अस्पताल की तरफ चलना शुरू कर दिया। हाईवे पर पहुंचने के बाद उन्हें एक ट्रक जाता दिया, मंजीत के परिवार वालों ने खाट ट्रक पर रखी और उन्हें अस्पताल लेकर गए।
Shahjahanpur: 70-year-old woman carried on a cot to the hospital as the ambulance allegedly refused to come as there was no fuel in the vehicle. Chief Medical Officer says, 'we will look into the matter. Culprits will not be spared' pic.twitter.com/OET7rO7hgZ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 14, 2018
इतना ही नहीं अस्पताल पहुंचने के बाद अस्पताल प्रशासन ने स्ट्रेचर देने से मना कर दिया, जिसके बाद एक बार फिर खाट समेत मंजीत को इमरजेंसी रूम तक ले जाया गया। मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच करने और दोषियों को पकड़ने का आश्वासन दिया है। चीफ मेडिकल अधिकारी लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि इस मामले में जांच की जा रही है और इसमें दोषी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा।
बता दें कि ऐसा ही एक मामला पहले भी आगरा में सामने आ चुका है। जहां सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में एक बुजुर्ग महिला को सांस की समस्या होने के कारण अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। जहां महिला को ऑक्सीजन लगाने के बाद जनरल वार्ड में शिफ्ट कराने के लिए कहा गया, लेकिन जनरल वार्ड और इमजरेंसी वार्ड के बीच दूरी थोड़ी ज्यादा थी, जिसके लिए एंबुलेंस की जरूरत थी। महिला काफी असहज स्थिति में थी, वह चलकर जनरल वार्ड तक नहीं जा सकती थी। एंबुलेंस का इंतजार करते हुए उसे बहुत देर तक यूरीन बैग हाथ में लेकर धूप में खड़े रहना पड़ा था, इस दौरान उसका बेटा ऑक्सीजन सिलेंडर अपने कंधे पर रखा हुआ था।