फरीदाबाद। एनआईटी क्षेत्र में राजीव कॉलोनी में रहने वाले साधारण परिवार के गौरव सोलंकी ने सोने के तगमे पर पंच मार कर फरीदाबाद और हरियाणा का नाम देश के मानचित्र पर चमका दिया है। वो तीन भाई बहनों में मंझले हैं। गौरव के पिता विजयपाल सिंह राजीव नगर में छोटी सी बिजली के समान की दुकान चलाते हैं। मां साधारण ग्रहणी हैं। शनिवार को जैसे ही गोल्ड कोस्ट में गौरव ने सोने का पदक जीता उनके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। गौरव के रिंग में उतरते ही घर वालों समेत सभी की टीवी पर फाईनल मुकाबला देखते हुए सांसे थमी हुई थी। गौरव के जीतते ही चौतरफा उठी किलकारियों ने माहौल को खुशनुमा बना दिया।
गौरव सोलंकी फिलहाल सेना में हवलदार के पद पर हैं। उन्होंने दो साल की उम्र में अपनी बड़ी बहन नीलम से प्रेरित होकर शौकिया तौर पर बॉक्सिंग शुरू की थी। गौरव सोलंकी शनिवार को अपने देश के लिए गोल्ड मेडल लेने रिंग में उतरे तो परिवार समेत सभी ने मुठ्ठी बांध कर मुकाबले को देखा। गौरव ने 52 किलोग्राम भार वर्ग में पहली बार कामनवेल्थ में हिस्सा लिया है। गौरव सोलंकी ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित मुक्केबाजी में आयरलैंड के खिलाड़ी को 4-1 से हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया है। पूर्व बॉक्सिंग खिलाड़ियों के अनुसार गौरव की प्रतिभा को देखते हुए सभी को उससे मेडल की उम्मीद थी, गौरव सबकी उम्मीदों पर खरे उतरे।
गौरव एनआईटी की राजीव कॉलोनी में रहते हैं। पिता विजयपाल सोलंकी ने बताया कि शुरुआती दौर में गौरव ने बल्लभगढ़ के बंसी विद्या निकेतन स्कूल में बाक्सिंग शुरू की। गौरव की बहन नीलम स्टेट और नेशनल प्रतियोगिता में भाग लेती रही है जिससे प्रेरित होकर गौरव पर भी बॉक्सिंग का जुनून सवार हुआ। साल 2012 में गौरव ने सबसे पहले जिला स्तर की बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भाग लिया। जिला स्तर की प्रतियोगिता में मेडल जीतने के बाद गौरव ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भी गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके बाद गौरव का चयन भारतीय सेना में हो गया। गौरव की बडी बहन नीलम अनुबंध के आधार पर आर्मी हॉस्पिटल में काम कर रही है। छोटा भाई सौरव पढाई के साथ साथ किरोडीमल कॉलेज में बॉक्सिंग का प्रशिक्षण ले रहा है।
गौरव को बॉक्सिंग की शुरुआती कोचिंग देने वाले कोच रमेश वर्मा बताते हैं कि गौरव में बॉक्सिंग को लेकर शुरु से ही जुनून था। बंसी विद्या निकेतन स्कूल में उनके पास 20 बाक्सर कोचिंग लेने के लिए आते थे जिसमें गौरव सबसे मेहनती खिलाडी था। उन्होंने बताया कि गौरव लगातार पांच से छह घंटे मेहनत करता था। जिला और स्टेट स्तर की प्रतियोगिताओं में गौरव ने कई विरोधियों को एकतरफा मुकाबले हराकर जीत हासिल की।
गौरव की इस उपलब्धि पर माता-पिता और भाई-बहन की खुशी का ठिकाना नहीं है। पूरा शहर उनकी खुशी में शामिल होने राजीव नगर उनके घर की तरफ उमड सा पडा है। गौरव के पिता विजयपाल सोलंकी ने जनसत्ता को बताया कि उनके बेटे ने परिवार के साथ साथ देश और प्रदेश का नाम रौशन किया है। सोलंकी ने कहा कि वह आज अपने आप को काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। विजयपाल का कहना है कि सरकार कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को एचसीएस और एचपीएस में में भर्ती करने की बात कह रही है इसके लिए गौरव ही बताएगा कि उसे क्या करना है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने गौरव सोलंकी की सुनहरी जीत पर उन्हें बधाई दी है। जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कॉमनवेल्थ खेलों में पदक जीतने वाले सभी खिलाडीयों को बधाई दी है। भारत के राष्ट्रपती रामनाथ कोविंद ने भी गौरव सोलंकी की इस जीत पर ट्वीट कर बधाई दी। हरियाणा के पूर्व मंत्री शिवचरण लाल शर्मा गौरव के पदक जीतने की खबर के साथ ही उनके पिता विजयपाल की खुशी में शामिल होने के लिए राजीव नगर उनके घर बधाई देने पहुंचे।