यूपी एटीएस के ASP राजेश साहनी ने एटीएस कार्यालय में खुद को गोली मार ली। उनकी मौत की खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। सूबे के आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। आलाधिकारी इस मामले की जांच में जुच गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, मौके पर पहुंचे अफसरों ने साथी अफसरों से बात की, लेकिन कोई भी यह नहीं मान रहा कि राजेश साहनी किसी भी तरह से तनाव में थे। तनाव जैसी बात अब तक सामने नहीं आई है। क्या उन्हें कोई पारिवारिक परेशानी थी, या कोई और बात थी, मामले की जांच की जा रही है। राजेश साहनी के इस कदम से सभी परेशान हैं। अब तक कोई अधिकारिक जानकारी अधिकारियों द्वारा नहीं दी गई है।
यूपी एटीएस के ASP राजेश साहनी ने एटीएस कार्यालय में खुद को गोली मार ली। उनकी मौत की खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। सूबे के आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। आलाधिकारी इस मामले की जांच में जुच गए हैं।जानकारी के मुताबिक, मौके पर पहुंचे अफसरों ने साथी अफसरों से बात की, लेकिन कोई भी यह नहीं मान रहा कि राजेश साहनी किसी भी तरह से तनाव में थे। तनाव जैसी बात अब तक सामने नहीं आई है। क्या उन्हें कोई पारिवारिक परेशानी थी, या कोई और बात थी, मामले की जांच की जा रही है। राजेश साहनी के इस कदम से सभी परेशान हैं। अब तक कोई अधिकारिक जानकारी अधिकारियों द्वारा नहीं दी गई है।वहीं दूसरी तरफ जानकारी के मुताबिक, ASP राजेश साहनी राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित एटीएस मुख्यालय में थे। उन्होंने अपने ड्राइवर से अपनी सरकारी पिस्टल मंगाई। इसके कुछ देर बाद उन्होंने गोली मारकर खुदकुशी कर ली। मौके से कोई भी सुसाइड नोट बरामद नहीं हो पाया है। खुदकुशी के कारणों को पता नहीं चला है।बताया जा रहा है कि राजेश साहनी साल 1992 में पुलिस सेवा में आए थे। वह साल 2013 में अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर प्रमोट हुए थे। इसके बाद वह एटीएस का हिस्सा बने थे। उनको एटीएस के तेज तर्रार अफसरों में गिना जाता था। अपराधियों में उनका जबरदस्त खौफ था। उन्होंने कई बड़े ऑपरेशन को सफलता से अंजाम दिया था। कई अपराधियों को गिरफ्तार किया था।