जूली चौरसिया
फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से बुधवार 16 नवंबर को दोपहर 12:17 बजे नासा के आर्टेमिस-1 मिशन ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी। पहले के समय में इंधन लिख और तकनीकी मुद्दों से त्रस्त एसएलएस रॉकेट और ओरियन अंतरिक्ष यान को अंततः नासा के तीसरे लॉन्च के दौरान किया गया था। लॉन्च के ठीक 8 मिनट बाद कोर्स स्टेज बाकी रॉकेट से अलग हो गया और कोर्स स्टेज इंजन कट गए। जिससे ओरियन अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष क्रायोजेनिक प्रोपल्शन स्टेज के माध्यम से अंतरिक्ष में ले जाने की अनुमति मिली। अंतरिक्ष यान खुद को शक्ति प्रदान कर सके,इसके लिए नासा ने ओरियन के चार सौर पैनलों को तैनात किया।
वैसे तो यह प्रक्षेपण सफलता पूर्वक हुआ, परंतु उसमें कुछ कमियां थी। लॉन्च के अपने तीसरे प्रयास के लिए अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि यह “किंडर जैंटलर” टेकिंग ऑपरेशन प्रक्रियाओं का पालन करेगी। थोड़ी देर के लिए ऐसा लगा कि यह काम कर रहा है। कोर चरण के तरल ऑक्सीजन और तरल हाइड्रोजन 10 को को बिना किसी अनचाही घटना के सफलतापूर्वक इंधन दिया गया। उसके बाद को चरण “पुनः पूर्ति” मोड में चला गया, जहां पर उबलने के लिए खो जाने वाले इंधन को ऊपर किया जा रहा था। तब लांच टीमों ने रॉकेट के ऊपरी चरण अंतरिम क्रायोजिन प्रोपल्शन स्टेज में इंधन डालना शुरू किया। आईसीपीएस तरल और ऑक्सीजन टैंक जब भर गया, तब नासा की टीमों ने कोर्स तेज तरल हाइड्रोजन टैंक के पुनः पूर्ति वाल्व से “आंतरिक रिसाव” देखा।
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इस समस्या को ठीक करने के लिए लांच डायरेक्टर ने रेड क्रू टीम को जुटाने का फैसला किया।
रेडक्रु को विशेष तौर पर एक टैंक लांच वाहन में या उसके आसपास संभावित खतरनाक संचालन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। निदेशक से टीम ने कहा कि 15 मिनट में समाधान किया जा सकता है। लेकिन वाल्व पर बोल्ट कसने उन्हें लॉन्चपैड में प्रवेश करने और लॉन्चपैड क्षेत्र में छोड़ने में 1 घंटे से थोड़ा ज्यादा समय लगा। एक अमेरिकी अंतरिक्ष बल के पूर्वी रेंज के अधिकारी ने प्रक्षेपण निदेशक को इस रिसाव को हल करने के तुरंत बाद बताया। कि रडार साइड से सिग्नल के नुकसान के कारण ऑपरेशन के लिए गतिरोध हैं। इस रडार साइट ने उड़ान समाप्ति प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जो अंतरिक्ष बल को रॉकेट को नष्ट करने की आज्ञा देती थी। अगर यह बंद हो जाता था, तो जनता के लिए खतरा पैदा करता था।