
सत्ता का नशा नेताओं पर किस कदर हावी हो जाता है। इसका एक और उदाहरण उत्ताराखंढ में देखने को मिला है। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की जनता दरबार में पहुंची एक विधवा टीचर ने जब अपनी समस्या सीएम को बताई तो उस पर वह भड़क उठे और सीधा सस्पेंड का आदेश सुना दिया। रावत का गुस्सा यही नहीं थमा उन्होंने उसे गिरफ्तारी करने का भी आदेश दिया। उन्हें महिला टीचर के शब्दों से आपत्ति थी।
#WATCH Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat directs police to take a teacher into custody after she protested at ‘Janata Darbar’ over issue of her transfer. CM Rawat suspended the teacher and asked her to leave. (28.06.18) pic.twitter.com/alAdCY74QK
— ANI (@ANI) June 29, 2018
अपनी शिकायत में महिला मुख्यमंत्री से ट्रांसफर नहीं किये जाने की अपील करते हुए कहती हैं, ”मैं 25 साल से काम कर रही हूं। मेरे पति की मौत हो गई है। मेरे बच्चों को कोई देखने वाला नहीं है। मैं अपने बच्चों को अकेला नहीं छोड़ सकती हूं। मैं नौकरी भी नहीं छोड़ सकती हूं। आपको मेरे साथ न्याय करना पड़ेगा।” टीचर की इस दलील पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब नौकरी शुरू की थी तो आपने क्या लिख कर दिया था? जिसपर टीचर कहती हैं कि मैंने यह भी लिखकर नहीं दिया था की मैं बनवास भोगूंगी। आपका ही नारा है बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ। ये नहीं की बनवास भेजना है।
इसी जवाब पर सीएम भड़क उठे और कहा कि अध्यापिका हो, नौकरी करती हो. ठीक से बोलो। जरा सभ्यता सीखो यार। महिला बोलती रही जिसपर गुस्साए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी सस्पेंड कर दूंगा आपको। अभी सस्पेंड हो जाएगी। जिसपर महिला ने कहा कि आप क्या सस्पेंड करेंगे मैं खुद घर बैठी हूं।
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