पीडीपी पार्टी से कुछ बागी विधायकों और सज्जाद लोन को मिलाकर बीजेपी जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की फिराक में है। कुछ समय पहले ही बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन वापस लिया था। इसके बाद महबूबा मुफ्ती को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उसके बाद से वहां राज्यपाल शासन लागू है। वहीं अमर अब्दुला पहले ही जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव कराने की बात कह चुके है। पीडीपी-बीजेपी गठबंधन टूटने के बाद से ही पीडीपी पार्टी के ही कुछ नेता महबूबा मुफ्ती पर कई गंभीर आरोप लगा चुके है।
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हालांकि अभी बीजेपी और इन नेताओं के बीच सीएम पद को लेकर बात नहीं बन पाई है। बीजेपी अपनी पार्टी का सीएम बनाना चाहती है वहीं पीडीपी पार्टी के बागी नेता भी अभी झुकने का नाम नहीं ले रहे है। पिछले हफ्ते दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने वाले पीडीपी के बागी नेताओं से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वे भी झुकने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर में कोई बीजेपी का सीएम हो सकता है, लेकिन अभी यह संभव नहीं।
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आपको बता दे कि जम्मू-कश्मीर भारत का इकलौता मुस्लिम बहुल राज्य है और 2019 के चुनावों को देखते हुए बीजेपी के लिए इसका बहुत महत्व है। बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन करके जम्मू-कश्मीर में पहली बार सरकार बनाई थी। पर यह गठबंधन तीन साल तक ही चल सका। जानकारी के अनुसार राज्य में सरकार बनाने के लिए पीडीपी के कुछ बागी नेता और पीपल्स कॉन्फ्रेंस के विधायक बीजेपी का साथ देने को तैयार है। पीपल्स कॉन्फ्रेंस के राज्य विधानसभा में दो विधायक हैं। पीडीपी के कई विधायकों को लगता है कि उनकी पार्टी में परिवारवाद को महत्व दिया जा रहा है और दक्षिण कश्मीर में अपना महत्व खो दिया है।
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