ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में एक अवैध रुप से बनाई जा रही बिल्डिंग धाराशाई हो गई। अबतक की खबर के अनुसार इसमें करीब अबतक तीन शवों को निकाला जा सका है। अभी बिल्डिंग में 30 के करीब और लोग फंसे हुए हैं। आईए जानते हैं कि ये हादसा कब, कहां और कैसे हुआ और इसके पीछे क्या कारण है और कौन है इसका जिम्मेदार।
कहां हुआ ये हादसा-
शाहबेरी ग्रेटर नोएडा का एक गांव है जहां ये हादसा हुआ है। कुछ साल पहले यहां खेती हुआ करती थी कुछ जमीन पर अभी भी खेती हो रही है लेकिन अब वहां की अच्छी लोकेशन के चलते वहां बिल्डर फ्लैट भी बनाने लगे। क्योंकी ये गांव दिल्ली से लखनाउ को जोडने वाले एनएच 24 और और कानपुर तक जाने वाले एनएच 34 के पास है। इसके पास ग्रेटर नोएडा के बडे प्रोजेक्ट क्रासिंग रिपब्लिक और गौर सिटी भी हैं और सामने गाजियाबाद है।
हादसे में अब तक कितनी जानें गई-
अबतक की अपडेट के अनुसार अबतक तीन लोगों के शवों को इमारत से बहार निकाला जा चुका है। संख्या बढने पर हम खबर अपडेट कर देंगे। अभी 30 से अधिक लोगों के यहां फंसे होने की खबर है। अभी उनके जिंदा बचने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं क्योंकी हादसा मंगलवार रात साढे नौ बजे का है। फिर भी एनडीआरएफ की टीम रेस्कयू ऑपरेशन चलाए हुए है इस उम्मीद में कि शायद कोई जिंदा निकल आए और मृतकों की लाशों को उनके परिवार को सुपर्द किया जा सके।
कौन लोग हैं मरने वाले-
अभी ये इमारत बन ही रही थी तो सबसे ज्यादा इस हादसे में मरने वाले और घायल होने वालों में वो मजदूर परिवार के लोग ही हैं जो बिल्डिंग बना रहे थे और इसी में रह रहे थे। दूसरा बिल्डिंग अभी पूरी तरह बनी नहीं थी लेकिन कुछ फ्लौर तैयार हो गए थे। जिनपर एक दो परिवारों ने शिफ्ट कर लिया था बाकी कुछ परिवारों का शिफ्ट करना अभी बाकी था। जिन परिवारों ने यहां शिफ्ट किया था उनके भी बिल्डिंग में फंसे होने की खबर है। उनमें से कोई अभी जिंदा बचा है या नहीं इसका अभी पता नहीं चल पाया है।
क्या है हादसे के कारण-
हादसे का सबसे बडा कारण है इस गांव की बहुमुल्य लोकेशन होना। जो अपनी और लोगों को आकर्षित करती है और बेहद की सस्ते दामों में। ये गांव ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के पॉश सेक्टरों और दो नेशनल हाईवों के करीब पडता है। ऐसे में यहां अवैध रुप से कुछ बिल्डर सस्ती दरों पर लोगों को फैल्ट दे रहे थे। यही सस्ती दरों पर फैल्ट पाने का लालच इस हादसे का हमारी नजर में सबसे बडा कारण है।
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यहां बिल्डर सभी नियमों को ताक पर रखकर 20 लाख रुपए में सस्ते फ्लैट दे रहे हैं। जिससे मध्यम वर्ग के लोग आकर्षित हो रहे हैं और अपनी जिंदगी की जमापुंजी यहां फूंक रहे हैं। ये फ्लैट न सिर्फ गांव की सस्ती जमीन पर बनाए जा रहे हैं बल्कि सभी नियमों को ताक पर रखकर इनका निर्माण कार्य किया जा रहा है। बिल्डिंग को बनाने के लिए खराब मैटिरियल का प्रयोग किया गया है। मतलब सस्ते के चक्कर में हल्का निर्माण कराया गया जिस कारण ये हादसा हुआ।
कौन है जिम्मेदार-
संकरी गलियों में अवैध रुप से प्लाटिंग कर इन बडी बिल्डिंगों का निर्माण किया गया है। मतलब खेतों में प्लाटिंग कर छोटी छोटी गलियां बनाई गई हैं। यहां रहने वालों की पार्किंग का और सीवर के पानी की निकासी का कोई ख्याल नहीं रखा गया है। फिर भी लोग एक सस्ते आशियाने की आश में अपना निवेश यहां कर रहे हैं। इस हादसे के लिए जिम्मेदार यहां निर्माण कार्य करने वाला बिल्डर तो है ही साथ ही वो प्रशासनिक अधिकारी भी हैं जिनकी नाक के नीचे ये काम हो रहा था। क्योंकी उनकी मिलीभगत के बगैर इतनी बडी बिल्डिंग खडी नहीं की जा सकती।
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