दुनिया का सबसे छोटा देश सान मारिनो इटली के उत्तर में 61 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) के नए आंकड़ों के मुताबिक, इस देश में 33,562 की जनसंख्या शामिल है। यहां का टूरिज्म धीरे-धीरे यूरोप के सबसे तेज़ी से बढ़ रहे ट्रैवल डेस्टिनेशन्स में से है। इस खूबसूरत देश में पिछले साल पर्यटन में 31.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-17 के बीच यहां करीब 78,000 पर्यटक आए थे।
सान मारिनो यूनेस्को की विश्व धरोहर है और यहाँ पर आए टूरिस्टस को देखने के लिए बहुत कुछ है। मध्यकालीन समय के आर्कीटेक्चर को यहाँ बहुत अच्छी तरह से संभाल कर रखा गया है। यहाँ की खूबसूरती सबका मन माह लेती है और समुन्द्र के आस-पास फैली हरियाली इसकी सुंदरता पर चार चाँद लगा देती है।
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दुनिया का सबसे छोटा देश सान मारिनो इटली के उत्तर में 61 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) के नए आंकड़ों के मुताबिक, इस देश में 33,562 की जनसंख्या शामिल है। यहां का टूरिज्म धीरे-धीरे यूरोप के सबसे तेज़ी से बढ़ रहे ट्रैवल डेस्टिनेशन्स में से है। इस खूबसूरत देश में पिछले साल पर्यटन में 31.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-17 के बीच यहां करीब 78,000 पर्यटक आए थे।सान मारिनो यूनेस्को की विश्व धरोहर है और यहाँ पर आए टूरिस्टस को देखने के लिए बहुत कुछ है। मध्यकालीन समय के आर्कीटेक्चर को यहाँ बहुत अच्छी तरह से संभाल कर रखा गया है। यहाँ की खूबसूरती सबका मन माह लेती है और समुन्द्र के आस-पास फैली हरियाली इसकी सुंदरता पर चार चाँद लगा देती है।इतिहास के मुताबिक सैन मैरिनो की स्थापना 301 AD में की गई थी, जब मारिनस, एक क्रिस्चन व्यक्ति 297 AD में रब के डालमेटियन द्वीप से निकल कर यहां आकर बस गया था। इसके बाद उन्हे सम्राट डायकोलेटियन ने रिमिनी शहर की लिबर्नियन समुद्री डाकू द्वारा नष्ट कर दी गई दीवारों के पुनर्निर्माण के लिए बुलाया था। डायनालेटियानिक के उत्पीड़न के बाद, मारिनस वहां के मोंटे टिटानो से बच निकले और यहां आकर उन्होंने एक छोटा चर्च बनाया। इस जगह को बाद में सान मारिनो शहर के नाम से जाना जाने लगा।इस खूबसूरत जगह के कुछ प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है म्यूज़ो डी स्टेटो। यह एक राष्ट्रीय संग्रहालय है और 1899 में बनाया गया था। पलाज्जो परगामी बेलुज़ी में स्थित, संग्रहालय मध्य युग से ऐतिहासिक कलाकृतियों का एक विशाल संग्रह पेश करता है। सैन मैरिनो में तीन किले भी हैं, जिनमें से सबसे पुराना रोक्का गुआटा है जो 10 वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था।
इतिहास के मुताबिक सैन मैरिनो की स्थापना 301 AD में की गई थी, जब मारिनस, एक क्रिस्चन व्यक्ति 297 AD में रब के डालमेटियन द्वीप से निकल कर यहां आकर बस गया था। इसके बाद उन्हे सम्राट डायकोलेटियन ने रिमिनी शहर की लिबर्नियन समुद्री डाकू द्वारा नष्ट कर दी गई दीवारों के पुनर्निर्माण के लिए बुलाया था। डायनालेटियानिक के उत्पीड़न के बाद, मारिनस वहां के मोंटे टिटानो से बच निकले और यहां आकर उन्होंने एक छोटा चर्च बनाया। इस जगह को बाद में सान मारिनो शहर के नाम से जाना जाने लगा।
इस खूबसूरत जगह के कुछ प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है म्यूज़ो डी स्टेटो। यह एक राष्ट्रीय संग्रहालय है और 1899 में बनाया गया था। पलाज्जो परगामी बेलुज़ी में स्थित, संग्रहालय मध्य युग से ऐतिहासिक कलाकृतियों का एक विशाल संग्रह पेश करता है। सैन मैरिनो में तीन किले भी हैं, जिनमें से सबसे पुराना रोक्का गुआटा है जो 10 वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था।
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