केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सबरीमाला मंदिर पर हाल ही में दिए विवादित बयान पर सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि पारसी से शादी होने के बाद भी उन्हें मुंबई के फायर टेम्पल में जाने नहीं दिया जाता है लेकिन वह इस फैसले का सम्मान करती है। इस फैसले के खिलाफ वह आजतक कोर्ट नहीं गई।
Since many people are talking about my comments — let me comment on my comment.
As a practising Hindu married to a practising Zoroastrian I am not allowed to enter a fire temple to pray.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) October 23, 2018
स्मृति ने मंगलवार यानी कल एक विवादित बयान दिया था जिसमे उन्होंने कहा था कि महिलाएं पीरियड्स टाइम में खून से सना सैनिटरी नेपकिन अपने दोस्त के घर नहीं ले जाती तो भगवान के घर कैसे ले जा सकती है। इसी विवाद के चलते खुद के बचाव में उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक नया वीडियो डाला। स्मृति ने कहा कि इस वीडियो में पूरा बयान है। वीडियो के मुताबिक स्मृति अपने एक अनुभव को साझा कर रही थीं। इस वीडियो में वह बता रही हैं कि कैसे एक फायर टेंपल में धार्मिक रीति-रिवाज की वजह उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया था। उन्होंने बताया कि इस रिवाज की वजह से उन्हें मुंबई के अंधेरी के फायर टेंपल के बाहर उन्हें खड़ा होना पड़ा था।
Sharing link of my interaction at Young Thinkers’ Conference. https://t.co/cdGr8u8DcE
— Smriti Z Irani (@smritiirani) October 23, 2018
I respect that stand by the Zoroastrian community / priests and do not approach any court for a right to pray as a mother of 2 Zoroastrian children. Similarly Parsi or non Parsi menstruating women irrespective of age DO NOT go to a Fire Temple.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) October 23, 2018
ईरानी ने अपने बयान पर खुद का बचाव करते हुए कहा कि ये दो बातें तथ्यात्मक हैं। बाकी सब प्रोपेगेंडा और उनके खिलाफ लॉन्च किया जा रहा एजेंडा है जिसके तहत उन्हें चारे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। जिस बयान पर विवाद पैदा हुआ है उस पर बोलते हुए ईरानी ने कहा कि वो जो पीरियड्स के खूने से सने पैड वाली महिला के किसी दोस्त के घर जाने वाले बयान पर बवाल मचा रहा हैं, उन्हें वो बताना चाहती हैं कि वो अभी भी ऐसे इंसान की तलाश में हैं जो खून से सना नैपकिन दोस्त क्या किसी को भी देती हो।
These are 2 factual statements. Rest of the propaganda / agenda being launched using me as bait is well just that … bait.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) October 23, 2018