संसद के शीतकालीन सत्र का आज सातवां दिन है और लोकसभा में कई बिलों को लेकर चर्चा हो रही है। इस दौरान लोकसभा में चल रहे भारी हंगामे के बीच सरोगेसी बिल को पास कर दिया गया है। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके मुताबिक बुधवार यानी आज लोकसभा में सरोगेसी बिल को पास कर दिया गया है। आपको बता दे कि भारत में सरोगेसी (किराए की कोख) से उभरने वाली समस्याओं से निपटने के लिए यह बिल लाया गया है।
The Surrogacy (Regulation) Bill, 2016 passed in Lok Sabha
संसद के शीतकालीन सत्र का आज सातवां दिन है और लोकसभा में कई बिलों को लेकर चर्चा हो रही है। इस दौरान लोकसभा में चल रहे भारी हंगामे के बीच सरोगेसी बिल को पास कर दिया गया है। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके मुताबिक बुधवार यानी आज लोकसभा में सरोगेसी बिल को पास कर दिया गया है। आपको बता दे कि भारत में सरोगेसी (किराए की कोख) से उभरने वाली समस्याओं से निपटने के लिए यह बिल लाया गया है।खबरों के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सरोगेसी बिल पर कहा कि व्यवसायिक सरोगेसी पर पूरी तरह पाबंदी लगाने के लिए यह बिल लागा गया है, लॉ कमीशन और सुप्रीम कोर्ट की राय भी इससे मिलती है। और जो भी सरोगेसी के विकल्प को चुनना चाहते हैं। उन्हें इनफर्टिलिटी का सर्टिफिकेट 90 दिनों के भीतर देना होगा। आपको बता दे कि भारी हंगामे के बीच बिल पर सरकार के सभी संशोधन ध्वनि मत से पास होने के साथ बिल भी पास हुआ। साथ ही, सरोगेसी बिल पर उन्होंने कहा कि सभी सांसदों ने महिला और बच्चे की गरिमा का ध्यान रखने के लिए अपनी बात सदन में कही है। उन्होंने कहा कि व्यवसायिक सरोगेसी पर पूरी तरह पाबंदी लगाने के लिए यह बिल लागा गया है, विधि आयोग और सुप्रीम कोर्ट की राय भी इससे मिलती है। साथ ही परिवार में बच्चा न होने पर आधुनिक विज्ञान के इस्तेमाल से परिवार को वारिस मिले इसका भी ध्यान रखा गया है।इतना ही नहीं, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि इस बिल का पास होना समाज के बहुत ही अच्छी बात है। ये सामाजिक सरोकारों से जुड़ा बिल है और सरोगेसी मातृत्व से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा प्रजनन शक्ति होने के बावजूद कई मामलों में मां और पिता बच्चे पैदा करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। सुले ने कहा कि बिल बहुत अच्छा है लेकिन इसे और आधुनिक बनाने की जरूरत है, ताकि हर दंपति बच्चे का सुख हासिल कर सके।
— ANI (@ANI) December 19, 2018
खबरों के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सरोगेसी बिल पर कहा कि व्यवसायिक सरोगेसी पर पूरी तरह पाबंदी लगाने के लिए यह बिल लागा गया है, लॉ कमीशन और सुप्रीम कोर्ट की राय भी इससे मिलती है। और जो भी सरोगेसी के विकल्प को चुनना चाहते हैं। उन्हें इनफर्टिलिटी का सर्टिफिकेट 90 दिनों के भीतर देना होगा। आपको बता दे कि भारी हंगामे के बीच बिल पर सरकार के सभी संशोधन ध्वनि मत से पास होने के साथ बिल भी पास हुआ। साथ ही, सरोगेसी बिल पर उन्होंने कहा कि सभी सांसदों ने महिला और बच्चे की गरिमा का ध्यान रखने के लिए अपनी बात सदन में कही है। उन्होंने कहा कि व्यवसायिक सरोगेसी पर पूरी तरह पाबंदी लगाने के लिए यह बिल लागा गया है, विधि आयोग और सुप्रीम कोर्ट की राय भी इससे मिलती है। साथ ही परिवार में बच्चा न होने पर आधुनिक विज्ञान के इस्तेमाल से परिवार को वारिस मिले इसका भी ध्यान रखा गया है।
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