सीबीआई के संयुक्त निदेशक वी मुरुगेसन, जो एजेंसी के विशेष निदेशक, राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच कर रहे थे उन्हें शिफ्ट कर दिया गया है। पीटीआई द्वारा एक्सेस किए गए आदेश से पता चलता है कि मुरुगेसन को “कोयला घोटाला मामलों को समय देने औऱ उसे जल्दी खत्म करने के प्रयासों के तहत शिफ्ट किया गया है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि मुरुगेसन को संयुक्त निदेशक एसी (मुख्यालय) -I जोन के अतिरिक्त प्रभार से उन पर काम का काफी बोझ डाल दिया गया था। मुरुगेसन का प्रभार अब संयुक्त निदेशक जी के गोस्वामी को दिया गया है, जो लखनऊ जोन की अपनी जिम्मेदारी के अलावा एसी (मुख्यालय) -आई जोन की भी देखरेख करेंगे, जहां अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज है।
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सीबीआई के संयुक्त निदेशक वी मुरुगेसन, जो एजेंसी के विशेष निदेशक, राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच कर रहे थे उन्हें शिफ्ट कर दिया गया है। पीटीआई द्वारा एक्सेस किए गए आदेश से पता चलता है कि मुरुगेसन को “कोयला घोटाला मामलों को समय देने औऱ उसे जल्दी खत्म करने के प्रयासों के तहत शिफ्ट किया गया है।आदेश में यह भी कहा गया है कि मुरुगेसन को संयुक्त निदेशक एसी (मुख्यालय) -I जोन के अतिरिक्त प्रभार से उन पर काम का काफी बोझ डाल दिया गया था। मुरुगेसन का प्रभार अब संयुक्त निदेशक जी के गोस्वामी को दिया गया है, जो लखनऊ जोन की अपनी जिम्मेदारी के अलावा एसी (मुख्यालय) -आई जोन की भी देखरेख करेंगे, जहां अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज है।आदेश में यह भी कहा गया है कि एक और संयुक्त निदेशक विनीत विनायक, एंटी-करप्शन विंग, दिल्ली ज़ोन की देखरेख से शिफ्ट किए गए हैं। उनका प्रभार अब अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा को दिया गया है।आपको बता दे कि सीबीआई ने 15 अक्टूबर, 2018 को एक व्यापारी सतीश बाबू सना की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों के लिए अस्थाना के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी। मोहन कुरैशी मामले में अस्थाना की विशेष जांच टीम द्वारा पूछताछ की जा रही थी। उस व्यवसायी ने आरोप लगाया था कि दुबई के एक बिचौलिए ने विशेष निदेशक के साथ अपने कथित संबंधों का इस्तेमाल करने के लिए उसे 2 करोड़ रुपये की रिश्वत के बदले राहत देने की पेशकश की थी।