बॉलीवुड के एक्टर नसीरुद्दीन शाह बीते कई दिनों से अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में हैं। कुछ समय पहले उन्होंने बुलंदशहर हिंसा को लेकर अपना डर जाहिर किया था तो अब एमनेस्टी इंडिया का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में नसीरुद्दीन संविधान, आजाद भारत की बात कर रहे हैं। उनके इस बयान पर एक्टर इमरान हाशमी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, इमरान ने कहा कि मैं अभी जो महसूस कर रहा हूं, वहीं कह रहा हूं। मुझे लगता है कि देश में सभी को अपने विचार रखने की आजादी है। मुझे मौजूदा कंट्रोवर्सी के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है, इसलिए इस पर कुछ कहना गैर जिम्मेदाराना होगा।
Actor Emraan Hashmi on Naseeruddin Shah's remark: I am able to express what I am thinking right now. I think there is freedom of speech in our country, I am a bit ignorant of the controversy. So, it will be a bit irresponsible of me to speak on that. pic.twitter.com/Ma3VbtxHXB
बॉलीवुड के एक्टर नसीरुद्दीन शाह बीते कई दिनों से अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में हैं। कुछ समय पहले उन्होंने बुलंदशहर हिंसा को लेकर अपना डर जाहिर किया था तो अब एमनेस्टी इंडिया का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में नसीरुद्दीन संविधान, आजाद भारत की बात कर रहे हैं। उनके इस बयान पर एक्टर इमरान हाशमी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, इमरान ने कहा कि मैं अभी जो महसूस कर रहा हूं, वहीं कह रहा हूं। मुझे लगता है कि देश में सभी को अपने विचार रखने की आजादी है। मुझे मौजूदा कंट्रोवर्सी के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है, इसलिए इस पर कुछ कहना गैर जिम्मेदाराना होगा।एमनेस्टी इंडिया की तरफ से शेयर किये वीडियो में नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि हमारे आजाद मुल्क का संविधान 26 नवंबर 1949 को ग्रहण किया गया। शुरू के ही सत्रों में उसके उसूल लागू कर दिए गए, जिनका मकसद ये था कि हर नागरिक को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय मिल सके। सोचने की, बोलने की और किसी भी धर्म को मानने की या इबादत करने की आजादी हो।नसीरुद्दीन ने आगे कहा कि हमारे मुल्क में जो लोग गरीबों के घरों को, जमीनों को और रोजगार को तबाह होने से बचाने की कोशिश करते हैं, करप्शन के खिलाफ आवाज उठाते हैं, ये लोग हमारे उसी संविधान की रखवाली कर रहे होते हैं। लेकिन अब हक के लिए आवाज उठाने वाले जेलों में बंद हैं। कलाकार, फनकार, शायर सबके काम पर रोक लगाई जा रही है। पत्रकारों को भी खामोश किया जा रहा है।बता दें कि इससे पहले नसीरुद्दीन ने कहा था कि देश में इस वक्त खराब माहौल है। समाज में जहर फैला हुआ है। देश में गाय की जिंदगी एक पुलिस अफसर की जान से ज्यादा अहम हो गई है। इस बयान पर तमाम राजनीतिक दलों ने नसीरुद्दीन की आलोचना की थी।
— ANI (@ANI) January 4, 2019
एमनेस्टी इंडिया की तरफ से शेयर किये वीडियो में नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि हमारे आजाद मुल्क का संविधान 26 नवंबर 1949 को ग्रहण किया गया। शुरू के ही सत्रों में उसके उसूल लागू कर दिए गए, जिनका मकसद ये था कि हर नागरिक को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय मिल सके। सोचने की, बोलने की और किसी भी धर्म को मानने की या इबादत करने की आजादी हो।
नसीरुद्दीन ने आगे कहा कि हमारे मुल्क में जो लोग गरीबों के घरों को, जमीनों को और रोजगार को तबाह होने से बचाने की कोशिश करते हैं, करप्शन के खिलाफ आवाज उठाते हैं, ये लोग हमारे उसी संविधान की रखवाली कर रहे होते हैं। लेकिन अब हक के लिए आवाज उठाने वाले जेलों में बंद हैं। कलाकार, फनकार, शायर सबके काम पर रोक लगाई जा रही है। पत्रकारों को भी खामोश किया जा रहा है।
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बता दें कि इससे पहले नसीरुद्दीन ने कहा था कि देश में इस वक्त खराब माहौल है। समाज में जहर फैला हुआ है। देश में गाय की जिंदगी एक पुलिस अफसर की जान से ज्यादा अहम हो गई है। इस बयान पर तमाम राजनीतिक दलों ने नसीरुद्दीन की आलोचना की थी।
In 2018, India witnessed a massive crackdown on freedom of expression and human rights defenders. Let's stand up for our constitutional values this new year and tell the Indian government that its crackdown must end now. #AbkiBaarManavAdhikaar pic.twitter.com/e7YSIyLAfm
— Amnesty India (@AIIndia) January 4, 2019