Elon Musk: किसी भी इंसान को ज़िंदा रहने के लिए कुछ सुविधाओं की ज़रुरत होती है, जिनके बिना इंसान का ज़िंदा रहना नामुमकिन हो जाता है। उन सुविधाओं में खाने लायक खाना, पीने के लिए साफ पानी और भी बहुत कुछ शामिल होता है। लेकिन अगर आपसे कहा जाए, कि आप इस लिस्ट में इंटरनेट को कहां पर रखते हैं, तो आपका क्या जवाब होगा। कुछ समय से एलन मस्क मंगल ग्रह पर लोगों को धरती जैसी ही सुविधा देने की तैयारी में लगे हुए हैं। मंगल ग्रह पर इंसान को भेजने की जो तैयारी चल रही है, उसमें इंसानों के लिए वहां पर तैयार की जाने वाली सुविधा में इंटरनेट भी शामिल है। एलन मस्क जैसे पृथ्वी पर स्टारलिंक के जरिए इंटरनेट की सुविधा दे रहे हैं। वैसी ही सुविधाओं को उनकी कंपनी ने स्पेस में मंगल ग्रह पर देने के लिए प्रस्ताव पेश किया है।
मंगल ग्रह की कक्षा में सैटेलाइट (Elon Musk)-
उनका मानना है, कि इंटरनेट भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले अभियानों के लिए संचार सुविधाएं प्रदान करने का काम करेगा। हाल ही में नासा की अगुवाई में हुए मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम एनालिसिस ग्रुप की मीटिंग में मार्सलिंक नाम का यह प्रस्ताव दिया गया था। जिसमें मंगल ग्रह की कक्षा में सैटेलाइट स्थापित किए जाएंगे, जिससे वहां डाटा एक्सचेंज के लिए इस तरह का सिस्टम तैयार होगा। इसके साथ ही मंगल ग्रह पर बस्ती बसाने की भी दिशा में काम किया जा रहा है। यह प्रस्ताव मंगल ग्रह पर स्पेस के अभियानों का समर्थन करने के लिए दिया जा रहा है।
स्टारलिंक सिस्टम की तरह काम (Elon Musk)-
स्पेसफ्लाइट न्यूज़ के रिपोर्ट की मानें, तो मार्सलिंक नेटवर्क पृथ्वी पर चल रहे स्टारलिंक सिस्टम की तरह काम करेगा। जिसके तहत अभी पृथ्वी की कक्षा में इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है। फिलहाल स्टारलिंक के हजारों सैटेलाइट दुनिया के 120 देश में स्थापित हो चुके हैं। एलन मस्क इसी तरह का नेटवर्क मंगल ग्रह पर भी लगाना चाहते हैं। मंगल की सतह पर मार्सलिंक के बनने से न सिर्फ संचार सुविधा तेज होगी, बल्कि पृथ्वी और मंगल ग्रह के बीच में संचार भी बेहतर हो पाएगा। जो मंगल ग्रह पर नासा के अध्ययन के लिए जाने वाले अभियानों के लिए भी काफी मददगार साबित होगा। इस तरह का प्रस्ताव सिर्फ स्पेस एक्स ने ही नहीं दिए थे।
डार्क स्काई मिशन (Elon Musk)-
बल्कि नासा के ब्लू ओरिजन और लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियों के भी वैकल्पिक प्रस्ताव पर विचार किया। ब्लू ओरिजन कंपनी ने ब्लू रिंग ऑर्बिटल का विचार दिया, जिसका इस्तेमाल आंकड़े भेजने और स्पेस में ही क्लाउड कंप्यूटिंग प्रोसेसिंग के लिए किया जा सकेगा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया, कि यह परियोजना पैंटागन के प्रायोजित डार्क स्काई मिशन के लिए इस्तेमाल में लाया जाना है। इसके प्रोजेक्शन की तारीख तय नहीं हुई है।इसके साथ ही लॉकहीड मार्टिन ने यह प्रस्ताव दिया, कि MAVEN अंतरिक्ष यान का इस्तेमाल किया जाए, जो कि साल 2013 में मंगल के वायुमंडल के अध्ययन के लिए भेजा गया था।
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MAVEN अंतरिक्ष यान-
लॉकहीड का प्रस्ताव यह है, कि MAVEN अंतरिक्ष यान को ही संचार कक्ष में ले जाया जाए। जिससे यह नासा के पृथ्वी पर बने डीप स्पेस नेटवर्क की तरह काम करेगा। नासा अब मंगल के इनवेस्टिगेशन अभियानों के लिए निजी क्षेत्र की परियोजना पर ज्यादा जोर देकर साझेदारियों पर विचार कर रहा है। एजेंसी ऐसी कंपनियों से भागीदारी करना चाहती है, जो भविष्य में मानव अभियान के लिए जरूरी तकनीक मुहैया करा पाए।
लेज़र आधारित तकनीक-
नासा लेज़र आधारित तकनीक पर भी काम कर रही है, जो गहरे अंतरिक्ष में ज्यादा तेज और कारगर संचार उपलब्ध करवा सकती हैं। ध्यान देने वाली बात यह है, कि अभी तक अन्य निजी कंपनियां या नासा मंगल ग्रह की लंबी यात्रा को इंसानों के लिए सुगम और संभव बनाने के लिए आने वाली सारी चुनौतियों के समाधान नहीं निकाल पाई है। इसमें तेजी से मंगल ग्रह पर इंसान को भेजन का सिस्टम, वापस लाने का सिस्टम, इंसानों के लंबे समय तक वहां पर रहने और मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन आदि शामिल है, इन सभी पर प्रयोग किया जा रहा है।
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