जेएनयू (जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय) देशद्रोह मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने से पहले केजरीवाल सरकार से इजाजत क्यों नहीं ली गई? क्या आपके पास लीगल डिपार्टमेंट नहीं है? इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है।
JNU sedition case: Delhi Court asks Police 'You don't have approval from legal department, why did you file chargesheet without approval?' Delhi Police says will get sanction approval in 10 days
जेएनयू (जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय) देशद्रोह मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने से पहले केजरीवाल सरकार से इजाजत क्यों नहीं ली गई? क्या आपके पास लीगल डिपार्टमेंट नहीं है? इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है।इतना ही नहीं, अदालत ने कहा कि जब तक दिल्ली सरकार इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की इजाजत नहीं दे देती है, तब तक वो इस पर संज्ञान नहीं लेगी। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जेएनयू देशद्रोह मामले में 14 जनवरी 2018 को 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।आपको बता दे कि अदालत ने दिल्ली पुलिस से यह भी पूछा कि आखिर आप दिल्ली सरकार की इजाजत के बिना चार्जशीट क्यों दाखिल करना चाहते हैं? दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह मामले में 10 दिन के अंदर से अनुमति ले लेगी। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 6 फरवरी तक के लिए टाल दी। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वो पहले इस चार्जशीट पर दिल्ली सरकार की अनुमति लेकर आएं।आपको बता दे कि इस मामले में फरवरी 2016 जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, छात्र नेता उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपी बनाया है। इस मामले में इन तीनों को जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि बाद में कोर्ट से इनको जमानत मिल गई थी। तब से तीनों जमानत पर बाहर चल रहे हैं।इन तीनों के अलावा 7 कश्मीरी छात्रों को भी आरोपी बनाया गया है, जिनमें मुजीर (जेएनयू), मुनीर (एएमयू), उमर गुल (जामिया), बशरत अली (जामिया), रईस रसूल (बाहरी), आकिब (बाहरी) और खालिद भट (जेएनयू) शामिल हैं। साथ ही 36 लोगों को कॉलम नंबर 12 में आरोपी बनाया गया है, जिन पर घटनास्थल पर मौजूद रहने के आरोप हैं। इन 36 आरोपियों में शेहला राशिद, अपराजिता राजा, रामा नागा, बनज्योत्सना, आशुतोष और ईशान आदि शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सबूत के तौर पर वीडियो फुटेज और 100 से ज्यादा प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही पेश की है।
— ANI (@ANI) January 19, 2019
इतना ही नहीं, अदालत ने कहा कि जब तक दिल्ली सरकार इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की इजाजत नहीं दे देती है, तब तक वो इस पर संज्ञान नहीं लेगी। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जेएनयू देशद्रोह मामले में 14 जनवरी 2018 को 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।
आपको बता दे कि अदालत ने दिल्ली पुलिस से यह भी पूछा कि आखिर आप दिल्ली सरकार की इजाजत के बिना चार्जशीट क्यों दाखिल करना चाहते हैं? दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह मामले में 10 दिन के अंदर से अनुमति ले लेगी। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 6 फरवरी तक के लिए टाल दी। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वो पहले इस चार्जशीट पर दिल्ली सरकार की अनुमति लेकर आएं।
JNU sedition case: Delhi Court fixes the matter for 6th February. The court asks Delhi Police to get required sanction approval by then. https://t.co/mTT21IcPOa
— ANI (@ANI) January 19, 2019
आपको बता दे कि इस मामले में फरवरी 2016 जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, छात्र नेता उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपी बनाया है। इस मामले में इन तीनों को जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि बाद में कोर्ट से इनको जमानत मिल गई थी। तब से तीनों जमानत पर बाहर चल रहे हैं।
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