By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Monday, 8 Sep 2025
  • MY BOOKMARK
  • INTERESTSNew
  • CONTACT US
  • BLOG INDEX
Subscribe
Dastak India Transparent mobile new logo
  • होम
  • देश
  • टेक
  • ऑटो
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • दुनिया
  • वीडियो
  • धर्म
  • लाइफस्टाइल
  • अन्य
    • खेल
    • विचार
    • हरियाणा
  • 🔥
  • देश
  • होम
  • मनोरंजन
  • social media
  • टेक
  • bjp
  • खेल
  • video
  • police
  • bollywood
Font ResizerAa
Dastak IndiaDastak India
  • होम
  • देश
  • टेक
  • ऑटो
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • दुनिया
  • वीडियो
  • धर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विचार
Search
  • My Interests
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2024 Dastak India. All Rights Reserved.
Dastak India > Home > विचार > बराबरी का हक मेट्रो में क्यों नहीं? महिलाएं क्यों बन रही हैं दया का पात्र !
विचारहोम

बराबरी का हक मेट्रो में क्यों नहीं? महिलाएं क्यों बन रही हैं दया का पात्र !

dastak
Last updated: February 6, 2019 6:15 pm
dastak
Share
delhi metro women
Photo Source- Google
SHARE

अजय चौधरी

बात तबकी है जब मुझे “नारी शक्ति” शब्द शक्तिहीन नजर आने लगा। मेट्रो में सफर के दौरान पढ़ रहा था कि ओक्सफोर्ड  डिक्शनरी ने ‘नारी शक्ति’ शब्द को ‘हिंदी वर्ड ऑफ़ द इयर’ चुना है। वहीं सामने एक नजारा देख रहा था जिसमें एक युवा महिला मेट्रो में चढते ही सीटों पर बैठे लोगों की तरफ दया भरी निगाहों से देखने लगी। कुछ लोग अब इन निगाहों से बचने के लिए कानों में हेडफोन और नजरें मोबाईल में गडा लेते हैं। लेकिन महिला कामयाब रही और सामने सीट पर बैठा लडका चुपचाप सीट छोड दरवाजे के पास जाकर खड़ा हो गया। ऐसा मेरे सामने अक्सर हो जाता है पहली बार नहीं है लंबे समय से सोच रहा था कि इसपर कुछ लिखा जाना चाहिए।

मेरा मानना है कि मेट्रो में महिलाओं को सीट के लिए दया का पात्र नहीं बनना चाहिए। कुछ महिलाएं सीट पर बैठे पुरषों की तरफ लगातर दया भरी निगाहों से देखती रहती हैं। वे ऐसा तबतक करती हैं जब तक सामने वाला खड़ा होकर उन्हें सीट न दे दे। ऐसा करके वो खुद को समाज में कमजोर साबित ही करती हैं। बात महिला शक्ति की होती है और समाज में उनके पुरषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की भी होती है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि ये काम बराबरी के हैं। अगर आपको कोई महिला सीट पर पुरष बैठा दिखे तो आप उसका विरोध करें और अपना हक लें। हालांकि कुछ पुरषों को तो महिलाओं के इस हक से भी एलर्जी है वो कहते हैं कि एक डिब्बा क्या कम था जो यहां भी सीटें रिजर्व कर दी। उनका ओपिनियन उनकी जगह जायज हो सकता है लेकिन मुझे लगता है कि ये सीटें हर डिब्बे में होनी चाहिए ताकि वो महिलाएं सीटों पर बैठ सकें जो भागकर या आपाधापी में कोई सीट हासिल करना नहीं चाहती। महिला बुजुर्ग हो तो बात अलग है लेकिन मेरी नजर में सीट के लिए ऐसे दया का पात्र बन महिला आज की तारीख में भी समाज में खुद को कमजोर साबित ही कर रही हैं। अगर कोई महिला सामने खडे पुरुष को अपनी सीट दे तो वो सोच भी नहीं पाएगी कि पुरष उसके सामने अपने आपको कितना कमजोर महसूस करेगा। महिलाओं को सीट देने वाले पुरष के मन में अक्सर ये भाव रहता होगा कि हमने इन्हें सीट देकर बहुत बड़ा काम किया है। लडकी है बेचारी। मतलब कमजोर है।

हार्दिक पंड्या- केएल राहुल समेत करण जौहर की बढ़ी मुश्किलें, जोधपुर में केस दर्ज

अगर महिला प्रेगनेंट है या बच्चा साथ में है तो हमें सीट उसे दे देनी चाहिए लेकिन मैं कामकाजी महिलाओं की बात कर रहा हूं। जिनके लिए महिला शक्ति शब्द का प्रयोग किया गया ये कहकर कि इन्होंने अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीने का फैसला किया है। मैंने कुछ साल पहले इस समस्या पर अपनी एक महिला मित्र से बात की थी मैंने उससे पूछा था कि महिला डिब्बे में बाकि डिब्बों के मुकाबले कम भीड है फिर भी अधिकतर महिलाएं अन्य डिब्बों में सफर कर रही हैं जबकि उन्हें वहां आराम से खड़े रखने की जगह मिल जाएगी। उसने हंसते हुए कहा कि उन्हें खड़ा ही तो नहीं होना। क्योंकि महिला डिब्बे में कोई महिला दूसरी महिला को सीट नहीं देती इसलिए जिन्हें सीट चाहिए फिर वो बाकि डिब्बों में आकर अपना प्यारा सा मुंह बनाती हैं और पुरुष उन्हें अपनी सीट ऑफर कर ही देते हैं।

19 साल की लड़की ने किया अपनी ही सहेली का रेप, आरोपी को भेजा न्यायिक हिरासत में

मेट्रो में एक दिक्कत और है, कुछ महिलाएं सिर्फ हरा रंग देखती हैं और सीट पर बैठ जाती हैं। पता नहीं वो ऐसा जानबूझ कर करती हैं या अनजाने में। होता यह भी है कि वह अनजाने में ही सही लेकिन विकलांगजनों और बुजुर्गों की सीट पर भी अक्सर बैठ जाती हैं और बुजुर्ग अपनी सीट के सामने खड़े रहते हैं कुछ नहीं बोलते। बहुत कम ही बुजुर्ग हैं जो महिलाओं से अपनी सीट मांगने की हिम्मत जुटा पाते हैं। वो अक्सर चुप रहते हैं क्योंकि उनके सामने उनके लिए आरक्षित सीट पर जो बैठी है वह महिलाएं हैं ऐसे में अगर महिलाएं बुजुर्गों का हक मार रही है तो वह महिला शक्ति कहां तक जायज है? मुझे ये भी समझ नहीं आता कि महिलावादी विचारधारा रखने वाले भी तो मेट्रो में सफर करते हैं उन्हें ऐसा नजर क्यों नहीं आया कभी?

हमें उन महिलाओं को शक्ति दिलाने का अधिकार समझना चाहिए जिनकी सीटों पर पुरुष बैठे रहते हैं और वह चाहकर भी उन्हें यह नहीं कह सकती कि ये सीट सिर्फ महिलाओं के लिए आरक्षित है। हमें इन महिलाओं के साथ उन बुजुर्गों के अधिकारों की बात करनी चाहिए जिन्हें ये नहीं पता होता कि तुम्हारे लिए यहां कोई सीट आरक्षित भी है क्या और वो खडे होकर अपना सफर पूरा करते हैं।

 

“ये लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में सभी सूचनाएं लेखक द्वारा दी गई हैं, जिन्हें ज्यों की त्यों प्रस्तुत किया गया हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति दस्तक इंडिया उत्तरदायी नहीं है।”

TAGGED:delhi metro womenदिल्ली मेट्रोमहिलाएंमेट्रो
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link
By dastak
Follow:
Dastak India Editorial Team
Previous Article Sushmita sen, Dance video, Chunari chunari, रोहमन शॉल, सुष्मिता सेन सुष्मिता सेन ने शादी में किया ‘चुनरी चुनरी’ गाने पर डांस, देखे वीडियो
Next Article Sambit Patra, Robert Vadra, Congress, BJP, Rahul Gandhi, money laundering case संबित पात्रा ने बताया, रोडपति से करोड़पति कैसे बन गए रॉबर्ट वाड्रा

दस्तक इंडिया की खबरों की समझ

दस्तक इंडिया मीडिया समूह समझता है कि सोशल मीडिया के इस जमाने में आपके पास ब्रेकिंग न्यूज के काफी विकल्प हैं। इसलिए हम उनपर फोकस न करते हुए आपके लिए इनसाइड स्टोरी पर ज्यादा जोर देते हैं, क्योंकि वो आपको कोई नहीं बताता। इसके अलावा हम आपको धर्म, लाईफस्टाईल, टेक और ऑटो जैसी कटैगरी की खबरें भी आप तक पहुंचाते हैं।
FacebookLike
TwitterFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow
- Advertisement -
Ad image

Popular Posts

Video: सपना चौधरी ने नहीं थामा कांग्रेस का हाथ, पुरानी फोटो से उड़ाई अफवाह

राजनीतिक गलियारों में हरियाणवी डांसर सपना चौधरी के कांग्रेस ज्वाइन करने की चर्चा चल रही…

By Jyoti Chaudhary

इन सात चीजों को चाहे जितना खाओ लेकिन फिर भी नही होगा मोटापा

किसी भी चीज की अति अच्‍छी नहीं होती है। लेकिन खाने की कुछ चीजों पर…

By dastak

इस साल वापस आ सकती है बॉलीवुड की यह सुपरस्टार जोड़ी

बॉलीवुड के सबसे प्यारे कपल है अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय। बेटी आराध्या के जन्म…

By dastak

आप ये भी पढ़ें

लाइफस्टाइलहोम

How to Deal with Angry Wife: क्या आपकी पत्नी को भी आता है बार-बार गुस्सा? जानें कैसे करें शांत

By रुचि झा
मनोरंजनहोम

Aamir Khan Depression After Divorce: film Lagaan की सफलता के पीछे छिपा था अकेलापन और दर्द”

By रुचि झा
मनोरंजनहोम

Shefali Jariwala Death Case: शेफाली जरीवाला की मौत की भविष्यवाणी हो चुकी थी बहुत पहले, देखें वीडियो

By रुचि झा
लाइफस्टाइलहोम

अलसी और एलोवेरा: Powerful Combination for skin and hair

By रुचि झा
Dastak Logo Small
Facebook Twitter Google-plus Wordpress Wordpress

About US

दस्तक इंडिया एक डेडिकेटेड इंडिपेंडेंट खबर वेबसाइट है जहाँ हमलोग ताजा खबरें देश, विदेश ओर बिज़नेस, एंटरटेनमेंट ट्रेवल, रिलिजन, जीवन शैली, क्राइम, राजनीती, इत्यादि आप तक पहुंचाते हैं।

हम लोग एक टीम है पत्रकारिता से जुड़े हुए जिनका मक़सद है लोगों तक सही खबर पहुंचना बिना किसी डर , बिना किसी के फेवर किये हुए।

© Dastak India News Website. All Rights Reserved.

 

Contact Us

Disclaimer 

Join Us!

Subscribe to our newsletter and never miss our latest news, podcasts etc..

Email Address*

I accept the terms and conditions

Zero spam, Unsubscribe at any buzzstream.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?