यदि आप नदी के नीचे रेल यात्रा करना चाहते है तो आपकी ये इच्छा जल्द ही पूरी होने वाली है। दरअसल, भारत में कुछ समय बाद ही नदी के नीचे बन रही पहली मेट्रो रेल लाइन का काम लगभग पूरा हो रहा है। नदी के नीचे बनाई गई ट्रांसपोर्ट टनल में अप और डाउन लाइन पर दो सुरंगें बनाई गई हैं। वहीं, सुरंग को पानी के रिसाव से बचाने के लिए 3 स्तर के सुरक्षा कवच बनाए गए हैं। इस सुरंग में 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से मेट्रो ट्रेन चलेगी।
पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय रेल के अंतर्गत कार्य करने वाली कोलकाता मेट्रो ने देश की पहली ऐसी ट्रांसपोर्ट टनल बनाई है जो नदी के अंदर से होकर गुजरेगी। यह टनल विश्व की सर्वोत्कृष्ट तकनीक से बनाई गई है, शीघ्र ही इस पर यात्रियों के लिए रेल यातायात शुरू किया जाएगा।
भारतीय रेल के अंतर्गत कार्य करने वाली कोलकाता मेट्रो ने देश की पहली ऐसी ट्रांसपोर्ट टनल बनाई है जो नदी के अंदर से होकर गुजरेगी।
यह टनल विश्व की सर्वोत्कृष्ट तकनीक से बनाई गई है, शीघ्र ही इस पर यात्रियों के लिए रेल यातायात शुरू किया जाएगा।https://t.co/NlE5kNawlB
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 25, 2019
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मेट्रो लाइन पर काम 2009 से काम चल रहा है। उम्मीद की जा रही है कि 2021 में यह पूरी लाइन शुरू हो जाएगी। इसी लाइन पर भारतीय रेल के हावड़ा और सियालदाह स्टेशन मौजूद होंगे। रेलवे को उम्मीद है कि साल 2035 तक रोज़ाना करीब 10 लाख लोग कोलकाता मेट्रो की इस लाइन का इस्तेमाल कर सकेंगे।
वहीं, खबरों कि माने तो कोलकाता मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट प्रोजेक्ट करीब 16 किलोमीटर लंबा है जो सॉल्ट लेक स्टेडियम से हावड़ा मैदान तक फैला है। सॉल्ट लेक सेक्टर-5 से सॉल्ट लेक स्टेडियम के बीच इस लाइन पर करुणामयी, सेंट्रल पार्क, सिटी सेंटर और बंगाल केमिकल मेट्रो स्टेशन मौजूद हैं। कोलकाता मेट्रो भारतीय रेल के अधीन आता है और रेलवे इस पूरे प्रोजक्ट पर 8572 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसी लाइन पर भारत में पहली बार नदी के अंदर ट्रांसपोर्ट टनल बनाई जा रही है। अप और डाउन लाइन पर यहां दो सुरंगें बनाई जा रही हैं जो करीब 1.4 किलोमीटर लंबी है। यहां हुगली नदी की चौड़ाई करीब 520 मीटर है और इस नदी तल के नीचे से होकर मेट्रो गुज़रेगी।
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