यदि आप भी चॉकलेट खाने के शौकीन है तो ये खबर आपके लिए बेहद जरुरी है, क्योंकि आने वाले कुछ सालो में धीरे-धीरे चॉकलेट का नामो-निशां खत्म हो सकता है। दरअसल, दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग का असर तेजी से बढ़ रहा है जिसके साथ चॉकलेट जैसी चीजों के खत्म होने की आशंका भी बढ़ गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यूएस नेशनल ओसिएनिक एंड एटमोसफेयरिंक एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले अगले 40 सालों में चॉकलेट का नामो-निशां खत्म हो सकता है। क्योंकि दुनिया भर में लगातार ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है और चॉकलेट के मुख्य स्त्रोत कोको की पैदावार के लिए तापमान 20 डिग्री से कम होना चाहिए। लेकिन तापमान में तेजी चॉकलेट उत्पादन के लिए खतरा बन गया है।
वहीं, इस रिपोर्ट के मुताबिक, लगातार बढ़ रहे प्रदूषण, आबादी और बदलते भौगोलिक समीकरणों के चलते धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आने वाले 30 सालों में धरती का तापमान करीब 2.1 डिग्री सेल्सियस और बढ़ जाएगा, जिसका सीधा असर कोको प्लांट या चॉकलेट तैयार करने वाले प्लांट पर पड़ेगा क्योंकि उन्हें उत्पादन के लिए एक नियत तापमान की जरूरत होती है। चॉकलेट पर बढ़ते संकट के पीछे इसके उत्पादन के पुराने तरीके भी हैं।
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साथ ही, कुछ विशेषज्ञों की माने तो दुनिया में अभी भी कोको का 90% उत्पादन पुराने पारंपरिक तरीकों से किया जाता है। जो आज बदलते मौसम और तापमान में बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इन कारणों के चलते उत्पादन में ना के बराबर बढ़ोतरी है। विशेषज्ञ हॉकिंस के मुताबिक अगर इन उत्पादन के तरीकों में जल्द बदलाव और तकनीक का इस्तेमाल नहीं हुआ तो परिणाम परेशान कर देने वाले होंगे।
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इसी के साथ विशेषज्ञों ने अंदाजा लगाया है कि चॉकलेट इंडस्ट्री मुश्किल से दस साल अस्तित्व में रह पाएगी। यानी दुनिया से खत्म होने में इसको सिर्फ 40 साल लगेंगे। अगर अच्छी बारिश होती है तो इससे जलस्तर सुधरेगा और बढ़ते तापमान पर लगाम लगेगी।