देशभर से आये दिन बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। लेकिन दिल्ली एक ऐसा राज्य है जहां दिनदहाड़े बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाएं सबसे ज्यादा होती है। इसको लेकर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) के सौजन्य से सेव द चिल्ड्रन संस्था ने बाल यौन शोषण को लेकर दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
हिंदुस्तान में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में दिनदहाड़े बच्चों के साथ यौन शोषण काफी ज्यादा संख्या में होता है। दिल्ली में 71 प्रतिशत बाल यौन शोषण के अपराध दिन के समय में होते है। वहीं, 29 प्रतिशत ऐसी घटनाएं रात के समय होती है।
इतना ही नहीं, इस रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि इन पूरे मामले में 49 फीसदी वारदातों को आरोपी या पीड़ित के घर में ही अंजाम दिया जाता है। जिनमें आरोपियों की उम्र 18 से लेकर 39 वर्ष के बीच में है। इसके अलावा स्कूल, सार्वजनिक स्थल, कार, दुकान, होटल में भी ऐसी घटनाएं हुई है।
वहीं, 48 प्रतिशत ऐसे मामले है जिनमे आरोपी पड़ोसी पाए गए है। वहीं, 47 फीसदी घटनाएं बच्चों के साथ जबरन हुई है बाकि अपहरण, बहकाकर, खाने-पीने की चीजें देकर की गई है। यह रिपोर्ट वर्ष 2016 से लेकर 31 अगस्त 2018 के बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पोस्को) से जुड़े मामलों पर आधारित है।
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वहीं, खबरों की माने तो इस रिपोर्ट के जारी होने के मौके पर परिचर्चा का आयोजन भी किया गया था। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सहित कई समाज सेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। डीसीपीसीआर अध्यक्ष रमेश नेगी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा बेहद जरूरी है। सबसे ज्यादा समय बच्चे स्कूल में गुजराते है। वहीं से सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है।
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