हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसपीजी सुरक्षा को वापस ले लिया है। अब वह जेड प्लस सुरक्षा कवर में रहेंगे। यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नेताओं को मिली सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद लिया गया था। भारत में सुरक्षा व्यवस्था को चार श्रेणियों में बांटा गया है पहली जेड प्लस (Z+), दूसरी जेड (Z), उसके बाद वाई (Y) और अंतिम एक्स (X) श्रेणी।
वहीं, भारत में सुरक्षा की श्रेणी को खतरे के स्तर के साथ-साथ इसे एक स्टेटस सिंबल भी माना जाता है। सरकार इस बात का निर्णय ले सकती है कि इन चार श्रेणियों में किसे कौन से स्तर की सुरक्षा देनी है। सरकार खतरे के आधार पर यह वीआईपी सुरक्षा प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, पार्षद, नौकरशाह, पूर्व नौकरशाह, जज, पूर्व जज, बिजनेसमैन, क्रिकेटर, फिल्मी कलाकार, साधु-संत या आम नागरिक किसी को भी दे सकती है। आइये मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर बताते है कि वीआईपी लोगों को किन-किन श्रेणियों में क्या-क्या सुरक्षाएं दी जाती है…
SPG (स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप) सुरक्षा
सबसे ऊंचे स्तर की यह सुरक्षा इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ गांधी परिवार को प्राप्त है। इसमें तैनात कमांडो के पास अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण होते हैं। बता दे पहले यह सुरक्षा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी मिली हुई थी लेकिन आईबी रिपोर्ट की समीक्षा के बाद खतरे के कम स्तर को देखते हुए उनसे यह सुरक्षा वापस ले ली गई है।
Z+ सुरक्षा
एसपीजी सुरक्षा के बाद जेड प्लस सुरक्षा भी सर्वोच्च श्रेणी में आती है। इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान लगे होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।
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इस सुरक्षा में शामिल हर कमांडो मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध करने की कला में माहिर होता है। सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो के पास एमपी 5 मशीनगन के साथ आधुनिक संचार उपकरण भी होता है। इसके अलावा इनके काफिले में एक जैमर गाड़ी भी होती है जो मोबाइल सिग्नल जाम करने का काम करती है। देश में चुनिंदा लोगों को ही जेड प्लस की सुरक्षा प्राप्त है।
Z सुरक्षा
जेड कैटेगरी सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो के साथ-साथ 22 सुरक्षागार्ड भी प्रदान किए जाए है। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं।
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Y सुरक्षा
यह सुरक्षा का तीसरा स्तर होता है। कम खतरे वाले लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है। इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। जिसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षागार्ड) भी होते हैं। इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं तैनात होता है। देश में सबसे ज्यादा लोगों को वाई श्रेणी की सुरक्ष दी गई है।
X सुरक्षा
यह चौथे स्तर की सुरक्षा सुविधा है, जिसमें दो या पांच सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं। जिसमें एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है। देश में काफी लोगों को एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है।
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