ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भगौड़े ज्वैलर नीरव मोदी की 253.62 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। इसमें ज्वैलरी और बैंक बैलेंस भी शामिल है। इडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत ये कार्यवाही की है। नीरव की कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 471 और 120-बी के तहत एफआईआर दर्ज कर कारवाई की जा रही है।
नीरव मोदी फिलहाल यूके की एक जेल में बंद हैं और भारत के पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी के मामले में अपनी प्रत्यर्पण याचिका का हक अब खो चुके हैं। पीएनबी से धोखधड़ी मामले में सीबीआई और मनी लॉन्ड्रिंग वाले मसले में ईडी जांच कर रही है।
ब्रिटेन की एक अदालत ने 25 फरवरी को नीरव के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में नीरव को भारत को सौंपा जा सकता है। अदालत के अनुसार ये मामला 2 बिलयन से अधिक का है और पहली नजर में इस मामले में उनके खिलाफ सबूत नजर आते हैं।
नीरव मोदी के खिलाफ ये हैं मामले-
नीरव मोदी 14,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के सिलसिले में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भारत में वांछित हैं।
नीरव मोदी के खिलाफ पीएनबी धोखाधड़ी मामले की सीबीआई जांच कर रही है और यह धोखाधड़ी से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) या ऋण समझौते प्राप्त करने से संबंधित है। ईडी का मामला उस धोखाधड़ी की आय को वैध बनाने से संबंधित है।
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इन मामलों के अलावा, नीरव मोदी पर “सबूत गायब करने” और गवाहों को डराने या “मौत का कारण बनने के लिए आपराधिक धमकी” के दो अतिरिक्त आरोप भी हैं, जिन्हें सीबीआई मामले में जोड़ा गया था।
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