तमिलनाडु में एक 12 वीं के एक छात्र ने यहां के शिवगंगई जिले के कराईकुडी इलाके में अपने घर में खुद को फांसी लगा ली। बीते दो हफ्तों में राज्य में ये पांचवा ऐसा मामला है जिसमें छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक जब छात्र ने खुदखुशी की उस दिन लड़के के माता-पिता परिवार के एक मंदिर में पूजा अर्चना के लिए शहर से दूर तिरुचामदूर इलाके में थे। जब छात्र ने मौत को गले लगाया उस वक्त वो घर में अकेला था।
छात्र उस दिन स्कूल भी गया था और वहां से वापस आने के बाद ही उसने खुद को मौत के गले लगा लिया। जब पड़ोसियों ने देखा कि लड़का स्कूल से आने के बाद से घर से एक बार भी घर से बाहर नहीं निकला है तब उन्होंने उसके माता-पिता और स्थानीय पुलिस को सुचित किया।
पड़ोसी की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस और परिजनों ने लड़के की लाश घर से बरामद की। पुलिस ने कहा कि वो इस मामले में केस दर्ज कर जांच कर रही है। लड़के का पोस्टमार्टम कर उसके शव को माता-पिता को अंतिम संस्कार के लिए सौंपा जा सका है।
तमिलनाडु में छात्रों की आत्महत्या के बारे में-
इससे पहले 13 जुलाई को कल्लाकुरिची इलाके में पड़ने वाले एक स्कूल में 12 वीं के छात्र का शव संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद हुआ था। स्कूल में हुई इस बड़ी घटना के बाद वहां 17 जुलाई को परिजनों और स्थानीय लोगों ने हिंसा की और स्कूल परिसर में भी तोड़फोड़ की थी। खबर के मुताबिक स्कूल में मौजूद दस्तावेजों और छात्रों के प्रमाणपत्रों को आग के हवाले कर दिया गया था।
उसके बाद 25 जुलाई को वहां के कुड्डालोर और तिरुवल्लूर जिले में ऐसे ही आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। वहां 12वीं कक्षा के दो छात्रों की खबरों के मुताबिक आत्महत्या करने से मौत हो गई थी।
तमिलनाडु के ही शिवकाशी के पास पड़ने वाले अय्यंबट्टी में 26 जुलाई को 11वीं कक्षा की एक 17 वर्षीय छात्रा ने अपने घर पर फांसी लगा खुद को मौत के हवाले कर दिया था।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने किया सख्त कार्यवाही का वादा-
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं को गंभीरता से लिया है और ऐसी खबरों से खुद को आहत बताते हुए सख्त कार्रवाई का भरोसा भी लोगों को दिलाया है।
मुख्यमंत्री ने इस विषय पर बोलते हुए कहा है कि हाल ही की कुछ घटनाएं काफी दुखद हैं। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि स्कूल को एक सेवा के रुप में चलाया जाना चाहिए। तमिलनाडु के छात्रों को सभी प्रकार की चुनौतियों का सक्षमता से सामना करना चाहिए। विशेष रुप से छात्रोंओं को अपने सामने आने वाली समस्याओं का साहस से साथ सामना करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर छात्राओं को मानसिक या शारीरिक रुप से कोई परेशान करता है तो तमिलनाडु सरकार चुप नहीं रहेगी और ऐसे मामले में कड़ी करवाई की जाएगी। किसी भी कीमत पर छात्राओं को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए जिससे वो अपनी जिंदगी ही खत्म कर लें।
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