बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल 15 साल की एक लड़की के बलात्कार के आरोपी 22 वर्षीय व्यक्ति को 23 नवंबर 2022 को जमानत दे दी है। उच्च न्यायालय ने कहा कि लड़की नाबालिक जरूर थी पर वह इस कदम के परिणामों को समझनें में सक्षम थी।लड़का और लड़की एक साथ रिलेशनशिप में थे। और लड़की अपनी इच्छा से लड़के के साथ अपनी मौसी के घर गई थी। न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ ने 15 नवंबर के आदेश में यह भी कहा कि पीड़िता स्वेच्छा से आरोपी के साथ अपनी मौसी के यहां गई थी जहां कथित अपराध हुआ था।
न्यायमुर्ति की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि,”ऐसा प्रतीत होता है कि पीड़िता, हालांकि नाबालिग थी, परंतु अपने कृत्य के परिणामों को समझने में सक्षम थी और वह स्वेच्छा से आवेदक (आरोपी) के साथ उसकी मौसी के घर गई थी। हालांकि वह अवयस्क है और उसकी सहमति महत्वहीन हो जाती है, इस तरह के मामले में, जहां वह स्वेच्छा से आवेदक में शामिल हो गई और उसने स्वीकार किया कि वह आवेदक के साथ प्यार में थी, चाहे उसने संभोग के लिए सहमति दी हो या नहीं, यह सबूत का मामला है। ”
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साथ ही पीठ ने आरोपी को चेतावनी देते हुए कहा कि वह ना ही पीड़िता के साथ कोई सम्पर्क रखें और ना ही उसके निवास के आस पास प्रवेश करे। पीड़िता ने 29 अप्रैल 2021 को आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSOA) के तहत केस दर्ज करवाया था।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि “आवेदक भी एक युवा लड़का था और उसके मोह भंग की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता वर्तमान में उसे और कैद करने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि उसे अप्रैल 2021 में गिरफ्तार किया गया था और मुकदमे में काफी समय लग सकता है। ”
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