चीन में कोरोना मामलों में बड़ी बढ़त देखने को मिल रही है, वहां सरकार द्वारा जीरो कोविड नीति के खत्म किए जाने के बाद अगले साल एक लाख से अधिक मौतें होने की संभावना बनी हुई है। चीन में स्थिती इससे भी भयावाह हो सकती हैं, क्योंकि वहां फिलहाल लोगों को जो वैक्सीन लगाई जा रही है वो कोरोना के अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वैरिएंट को हरा पाने में सक्षम नहीं बताई जा रही है। चीन सहित जापान और ब्राजिल सहित कई देशों पर कोरोना केसों का भार बढ़ रहा है।
जर्मनी ने अपने नागरिकों के लिए चीन में भेजी वैक्सीन-
अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टुडे के मुताबिक बधुवार को जर्मनी ने चीन को BioNTech-Pfizer वैक्सीन का एक बैच भेजा है, ये शुरुआत में चीन में रहने वाले जर्मन लोगों को दिया जाएगा। इस संबध में चीन की सरकार ने बर्लिन को सूचना दी है कि उनके द्वारा भेजी गई वैक्सीन का टीका जर्मन नागरिकों को लगाया जा सकता है लेकिन अभी चीन ने अपने नागिरकों पर इसके प्रयोग की अनुमति नहीं दी है।
चीन में जीरो कोविड पॉलिसी का विरोध-
चीन में सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी का व्यापक स्तर पर विरोध हुआ था, वहां इसी माह की बात करें तो करीब 1.4 अरब लोगों ने इसके नियमों का पालन करना बंद कर दिया था और इसके तहत की जाने वाले कोविड जांच को भी बंद कर दिया था। इसी नीति ने वहां तीन साल तक बड़े स्तर पर कोरोना वायरस को नियंत्रण में रखा था, हालांकि इसकी एवज में चीन को आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रुप से बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ा था।
चीन छुपा रहा मरीजों की संख्या-
दुनिया भर के कोरोना एक्सपर्टस का मानना है कि अब चीन के कोरोना आंकड़ें भरोसे के लायक नहीं रह गए हैं, ये जितने दिख रहे हैं उससे कहीं अधिक इनके होने की संभावना है। जिसके पीछे कारण है जीरो कोविड पॉलिसी के खत्म होने के बाद वहां बड़े स्तर पर कोरोना परीक्षण भी बंद हो गए हैं। बुधवार को WHO के एमरजेंसी निदेशक माइक रयान ने कहा है कि चीन आईसीयू में भर्ती लोगों की सूचना कम दे रहा है, लेकिन यहां आईसीयू अब अजीब तरीके से भर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन हमें खुले रुप से नहीं बता रहा है कि ताजा स्थिती क्या है।
श्मशान में लंबी कतार-
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक चीन की राजधानी बीजिंग में लोगों के अंतिम संस्कार के लिए लंबी लाइन है। यहां लोग अंतिम संस्कार के लिए घंटो नहीं दिनों प्रतिक्षा कर रहे हैं। कई लोग सही समय पर इन सेवाओं को पाने के लिए भारी फीस भी दे रहे हैं। अंतिम संस्कार करने वाले कर्मी बता रहे हैं लि मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कोविड संबधित नियमों में ढील के बाद ये संख्या लगातार बढ़ रही है।
डब्ल्यूएचओ ने जताई चिंता-
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि चीन में कोरोना की उभर रही स्थिती बेहद खतरनाक है। यहां बीमीरी की गंभीरता का पता लगाने के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों और आईसीयू इकाइयों के बारे में डिटेल में जानकारी होना जरुरी है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा है कि वो चीन को अधिक से अधिक लोगों के वैक्सीन लगाने के लिए सपोर्ट कर रहा है। हम किलिनिकल केयर और हैल्थ सिस्टम को बचाए रखने के लिए चीन की सहायता करते रहेंगे।
चीन कोरोना से होने वाली मौतों को नहीं मान रहा-
चीन कोविड मौतों की एक संकुचित परिभाषा का उपयोग कर रहा है और उसके अनुसार कोरोना से मंगलवार को वहां एक भी नागरिक की मौत नहीं हुई है। जिन लोगों को निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी केवल उन्हें ही कोरोना के कारण हो रही मौत माना जा रहा है।
केवल निमोनिया से होने वाली मौतों को ही कोविड़ मौत माना जा रहा है-
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में पैथोलॉजी के एक सहायक प्रोफेसर बेंजामिन मेज़र का मानना है कि जिन लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया है, उनकी मौत निमोनिया से होने की संभावना बेहद कम है, ऐसे में केवल निमोनिया से होने वाली मौतों को ही कोविड मौत माना जाएगा तो इस तरह बहुत सारी कोविड मौत बिना गिनी ही रह जाएगी। उन्होंने कहा मार्च 2020 की इस तरह की मानसिकता को लागू करने का कोई मतलब नहीं है, जहां यह केवल कोविड निमोनिया है जो आपको मार सकता है।
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कोरोना का बीएफ.7 वैरिएंट चीन में मचा रहा उत्पात-
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का BF.7, BA.5 उप प्रकार हैं, फिलहाल चीन में कोरोना का जो उछाल जारी है उसमें सबसे अधिक मामले इसी वैरिएंट के हैं। BF.7 वैरिएंट कथित तौर पर अब तक ज्ञात कोरोनावायरस के अन्य वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है।
चीन में तीन बड़ी कोरोना लहरों के आने की संभावना-
स्वास्थय विशेषज्ञ अगले कुछ महीनों में चीन में कोरना की तीन बड़ी लहरों के आने की संभावना जता रहे हैं। फिलहाल चीन में अस्पतालों में मरीजों की और मुर्दाघरों में मुर्दों की बाढ़ सी आ गई हैं और फार्मेसियों पर दवाओं की भारी मांग के कारण वो भी खत्म होने की कगार पर हैं, बड़े पैमाने पर वायरस के फैलने के कारण इसपर नजर रखना मुश्किल हो चला है।
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