स्नेहा मिश्रा
पूरे यूरोप में तापमान वर्ष के इस समय के रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। जिसे देखकर विशेषज्ञ भी आश्चर्य में हैं। पोलैंड, डेनमार्क, चेक गणराज्य, नीदरलैंड, बेलारूस, लिथुआनिया और लातविया समेत कुल 8 यूरोपीय देशों में जनवरी का अब तक का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि, बीते कई दिनों से यूरोप में मौसम का रिकॉर्ड अत्यंत निराशाजनक दर से गिर रहा है।
बढ़ते तापमान ने तोड़ा रिकॉर्ड :
बढ़ते तापमान पर नज़र रखने वाले जलवायु विज्ञानी ‘मैक्सिमिलियानो हेरेरा’ के एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पोलैंड के कोरबीएलोव में तापमान 19 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इसके अलावा रिकॉर्ड किया गया तापमान भी जनवरी के लिए 1 डिग्री सेल्सियस वार्षिक औसत से 18 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। तो वहीं चेक गणराज्य के जवोर्निक में तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस था। जबकि साल के इस समय यहां का तापमान औसतन 3 डिग्री सेल्सियस रहता है। बात करें बेलारूस की तो यहां भी रविवार को तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया जबकि आमतौर पर यहां पारा जनवरी के महीने में शून्य के आसपास रहता है। इसमें देश के जनवरी माह के पिछले रिकॉर्ड को 4.5 डिग्री सेल्सियस की दर से तोड़ दिया।
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मौसम तापमान का यह रिकॉर्ड है “अनसुना”
महाद्वीपों पर भी कई जगह, जर्मनी, उत्तरी स्पेन और फ्रांस के दक्षिण भाग में भी जनवरी महीने का रिकॉर्ड उच्च तापमान दर्ज किया गया है। केवल ब्रिटेन, आयरलैंड, इटली और दक्षिण-पूर्व भूमध्यसागरीय ने अभी तक कोई रिकॉर्ड पोस्ट नहीं किया है। हेरेरा ने ‘द गार्जियन’ को बताया कि स्थिति को “यूरोपीय इतिहास में सबसे चरम घटना” के रूप में माना जा सकता है। यूरोपीय मौसम विभाग के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एलेक्स बर्कील ने हरेरा की प्रतिध्वनि की, और कहा, “यह एक विशाल क्षेत्र में अत्यधिक गर्मी है, जो लगभग अनसुना है।” उनके मुताबिक, अफ़्रीका के पश्चिमी तटों से विकसित गर्म हवा का एक पिंड पुर्तगाल और स्पेन से पूरे यूरोप में उत्तर-पूर्व की यात्रा कर चुका था, जो कि भूमध्य सागरीय क्षेत्र द्वारा खींच लिया गया। उन्होंने कहा, “नए साल की पूर्व संध्या मुझे लगता है कि दक्षिण इंग्लैंड में लगभग सात स्थानों ने रिकॉर्ड पर अपने सबसे गर्म नए साल की पूर्व संध्या दर्ज की है।”
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बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग है खतरा :
जलवायु परिवर्तन के परिणामों के विषय में लिखने वाले प्रोफेसर ‘बिल मैकगायर’ का कहना है कि, आने वाले दिनों में मौसम के और भी बदतर होने का पूर्वाभास है। “इस विषय पर सबसे चिंताजनक बात यह है कि ग्लोबल वार्मिंग की बढ़ती स्पीड को देखते हुए, मौसम में इस तरह का परिवर्तन होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।” उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि, “यह भविष्य की एक छोटी सी झलक मात्र है, जो सर्दियों को कुछ महीनों के शुष्क, नम और हल्के मौसम में कमी कर देगा, जिसमें ठंड, बर्फ और बर्फीले रास्ते बहुत कम होंगे।”