मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राजपूत समुदाय का संगठन करणी सेना अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर जनआंदोलन कर रहा है। करणी सेना ने अपने आंदोलन की शुरुआत भोपाल के जंबूरी मैदान से की। उनकी मांग है, कि सरकार जातिगत आरक्षण खत्म कर आर्थिक आधार पर आरक्षण की नीति को लागू करें। तभी सभी समुदाय के गरीबों को इसका लाभ मिल सकेगा, इसके अलावा वह अपनी 21 सूत्रीय मांगों को सरकार से पूरा करवाने के लिए जन आंदोलन कर रहे हैं। धीरे-धीरे आंदोलन बल पकड़ता जा रहा है जंबूरी मैदान में 1200 से अधिक वाहनों के साथ सीहोर जिले से 25,000 से अधिक लोगों ने रविवार को आंदोलन में भाग लिया। यह आंदोलन जातिगत आरक्षण खत्म कर आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लागू करने और एस्ट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग के विरोध समेत 21 मांगों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है। दिनभर चले आंदोलन के बाद भी कार्यकर्ताओं ने रात में भी मोबाइल की टॉर्च जलाकर नारेबाजी की और कहा कि “जंबूरी मैदान मध्य प्रदेश का एक ही किंग…जीवन सिंह जीवन सिंह” । इसके अलावा “देखो देखो कौन आए, माई के लाल.. माई के लाल”..जैसे नारों से जंबूरी मैदान गूंज उठा। इन सबके साथ ही करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने कहा, कि अगर सरकार ने हमारी मांगे पूरी नहीं करी तो हम चुनावी राजनीति में प्रवेश करने से भी परहेज नहीं करेंगे।
क्यों लगाए ‘माई के लाल’ के नारे?
दरअसल, ‘देखो देखो मामा कौन आया माई के लाल माई के लाल’ के नारे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निशाना बनाकर लगाए गए थे। 7 साल पहले शिवराज चौहान ने बयान दिया था, कि कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता है। अब शिवराज चौहान के सत्ता में रहने के कारण उनकी कहीं इस बात को लेकर कार्यकर्ता नारेबाजी कर रहे हैं और अपनी 21 सूत्रीय मांगों को पूरा करवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
क्या कहा करणी सेना प्रमुख ने?
आंदोलन को लेकर करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने कहा, कि यह आंदोलन हम वर्तमान व्यवस्था को बदलने के लिए कर रहे हैं। इसमें स्वर्ण और पिछड़ा वर्ग हमारे साथ है, हम मिलकर तख्ता पलट देंगे। जीवन सिंह शेरपुर सहित 5 कार्यकर्ता 21 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास पर है। शेरपुर ने कहा, कि अगर सरकार हमारी मांगों को अब भी पूरा नहीं करेगी तो हम चुनावी राजनीति में प्रवेश करने से पीछे नहीं हटेंगे। यह मांगे सर्वहित की है, सरकार को इन्हें पूरा करना ही चाहिए।
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आंदोलन रोकने के लिए कई रास्तों को किया गया डायवर्ट-
करणी सेना के कार्यकर्ताओं सहित अन्य सभी लोगों ने शनिवार से ही भोपाल पहुंचना शुरू कर दिया था। जिससे लाखों लोगों के एकत्रित होने के कारण भोपाल के कई रास्तों पर भारी जाम देखने को मिला, जंबूरी मैदान में प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश राज्य से भी हजारों की संख्या में लोग आए। पुलिस की तरफ से आंदोलन को देखते हुए पहले से ही कई रूट डायवर्ट किए गए थे ताकि स्थानीय लोगों को परेशानी ना हो। लेकिन फिर भी कई जगहों पर जाम देखने को मिला, इसके लिए करणी सेना के पदाधिकारियों ने कहा, कि करणी सेना के आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने पहले ही सारे इंतजाम कर रखे थे। आंदोलन दबाने के लिए हर तरह की कोशिश की गई, कई जिलों में बसों पर रोक लगाई गई पर फिर भी सरकार आंदोलन को नहीं लगा दबा पाई। कार्यकर्ताओं का कहना है, कि वह तब तक आंदोलन पर बैठे रहेंगे, जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती।
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21 सूत्रीय मांगों में शामिल कुछ मांगे:-
1- देश में जाति के आधार पर आरक्षण खत्म हो और आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए।
2- एससी एसटी एक्ट में जांच के बाद ही गिरफ्तारी हो।
3- ईडब्ल्यू आरक्षण में भूमि व मकान की बाध्यता समाप्त हो।
4- एससी- एसटी एक्ट की तरह सामान्य पिछड़ा एक्ट बनाया जाए, जो एससी एसटी एक्ट से होने वाले अत्याचार से रक्षा करें।
5- भर्ती कानून बने हर वर्ष नियमित भर्तियां निकाली जाए।
6- गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिया जाए।
7- सभी भर्तियों में ईडब्ल्यूएस के छात्रों को उम्र सीमा में छूट के साथ छात्रवृत्ति दी जाए।