स्नेहा मिश्रा
22 दिसंबर, 2022 को उज्बेकिस्तान ने आरोप लगाया था कि मेरियन बायोटेक कंपनी द्वारा निर्मित की जाने वाली दवाओं के सेवन करने से 18 बच्चों की मृत्यु हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने सिफारिश की है कि, ‘उज्बेकिस्तान में बच्चों के लिए नोएडा की मेरियन बायोटेक कंपनी द्वारा निर्मित किए गए दो कफ सिरप का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।’
बुधवार के मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट में डब्ल्यूएचओ ने बताया कि बायोटेक द्वारा निर्मित सब स्टैंडर्ड चिकित्सा उत्पाद, ऐसे प्रोडक्ट हैं जो गुणवत्ता के मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। यह उत्पाद अपनी विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल रहे हैं। यही कारण है कि यह उत्पाद विनिर्देशों से बाहर हैं।
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डब्ल्यूएचओ ने अपनी वेबसाइट पर एक अलर्ट जारी करते हुए कहा कि, यह डब्ल्यूएचओ मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट दो सब स्टैंडर्ड उत्पादों को संदर्भित करता है। यह उत्पाद उज्बेकिस्तान में पहचाने गए और 22 दिसंबर, 2022 को WHO को इसके बारे में रिपोर्ट किया गया। सब स्टैंडर्ड मेडिकल प्रोडक्ट्स ऐसे उत्पाद हैं जो गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल होते हैं और यही वजह है कि यह स्पेसिफिकेशन की सूची से बाहर है।
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अलर्ट में कहा गया कि, ‘बै बायोटिक के दो उत्पाद Ambronol Syrup और DOK-1 Max Syrup दोनों ही बच्चों के लिए घातक और असुरक्षित हैं। यह दोनों ही उत्पाद मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड हैं। आज तक इन उत्पादों के निर्माता ने कथित तौर पर इनकी सुरक्षा व गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को कोर्य कोई गारंटी नहीं दी है।
उज़्बेकिस्तान से कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत की खबरें सामने आने पर नोएडा स्थित फार्मा मेरियन बायोटेक पर जैसे संकट के बादल छा गए। डब्ल्यूएचओ के अनुसार उज़्बेकिस्तान गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए कफ सिरप के सैंपल में दूषित पदार्थ के रूप डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की अधिक मात्रा शामिल है।
उज़्बेकिस्तान ने आरोप लगाया कि मैरियन बायोटेक कंपनी द्वारा निर्मित दवाओं का सेवन करने से 18 बच्चों की मौत हो गई। मंगलवार को उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मैरियन बायोटेक कंपनी का उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया।