स्नेहा मिश्रा
कॉग्निजेंट (cognizant), भारत की सबसे प्रमुख आईटी कंपनियों में से एक है। इस कंपनी ने अपने नए सीईओ के नाम की घोषणा कर दी है। ‘रवि कुमार’ जिन्हें देश के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दो दशक से भी अधिक का अनुभव है, उन्हें आईटी कंपनी के नए परिचालन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर कौन है यह रवि कुमार? जिन्हें ब्रायन हम्फ्रीज को रिप्लेस कर सीईओ के पद के लिए चुना गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रवि कुमार साल 2016 से लेकर 2022 के बीच एक अन्य आईटी दिग्गज इंफोसिस के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह पूरे दो दशकों तक कंपनी के साथ बने रहे, जबकि हम्फ्रीज ने कंपनी के खराब प्रदर्शन के चलते चार साल तक इस पद पर रहने के बाद इस्तीफा दे दिया था। रवि कुमार एक उच्च शिक्षित नेता हैं। उन्होंने शिवाजी यूनिवर्सिटी से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और जेवियर इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट से एमबीए किया है। उन्होंने ट्रांसयूनियन और डिजिमार्क कार्प के बोर्ड में भी कार्य किया है।
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कंपनी के अनुसार, रवि कुमार को भारी वेतन पैकेज दिया जाएगा। उनका वेतन मुकेश अंबानी के साल 2020 के वेतन से चौगुना अधिक होगा। आपको बता दें कि अंबानी ने बीते दो वर्षों में केवल 1 रूपया ही वेतन के रूप में लिया है।
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टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, रवि कुमार का कुल वेतन 57 करोड़ रूपये प्रति वर्ष होगा। यही नहीं जॉइनिंग बोनस के रूप में उन्हें 7,50,000 डॉलर मिलेंगे, जो भारतीय रुपये का लगभग 6 करोड़ रुपये है। उनकी बेसिक सैलरी 1 मिलियन डॉलर या फिर 8,13,57,500 रूपये हो सकती है। जिसमें दो मिलियन डॉलर का नकद प्रोत्साहन होगा। वन टाइम हायर अवार्ड के रुप में कुमार को 5 मिलियन डॉलर का स्टॉक रिटर्न मिलेगा। जबकि हम्फ्रीज को साल 2020 में 13.8 मिलियन डॉलर का सैलरी पैकेज मिला था। वहीं दूसरी तरफ आउटगोइंग सीईओ हम्फ्रीज एक विशेष सलाहकार के तौर पर 15 मार्च तक कंपनी के साथ रहेंगे।